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Friday, June 27, 2025

ट्रैक्टर मार्च निकाल किसानों का प्रदर्शन राजधानी की सीमाओं पर

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का हल्लाबोल जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब सवा महीने से हजारों किसान डटे हैं और कानून वापसी की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ किसानों की सात दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी, इसलिए किसानों ने अपने आंदोलन को तेज कर दिया है और आज राजधानी की सीमाओं पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। गाजियाबाद के यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसान आज यानी गुरुवार सुबह 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर गणतंत्र दिवस के लिए अपने ‘ट्रैक्टर मार्च’ का ‘ड्रेस रिहर्सल’ करेंगे। NH-9 सहित दो नेशनल हाईवे से गुजरने वाले लोगों पर इस रिहर्सल का असर होने की संभावना है। हालांकि, योगेंद्र यादव ने कहा कि ये किसान आज दिल्ली में एंटर नहीं करेंगे। इधर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है।

संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों द्वारा गुरुवार को निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा को देखते हुए आम यात्रियों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल पर मार्ग परिवर्तन किया गया है। इतना ही नहीं, किसानों की ट्रैक्टर यात्रा को लेकर कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) और कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के आसपास एहतियात के तौर पर 31 ड्यूटी मजिस्ट्रेट और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। 

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी। ट्रैक्टर यात्रा इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना व गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और फिर वहां से वापस आएगी। पुलिस ने बताया कि इस दौरान गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर 12 बजे से दिन के अपराह्न तीन बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे। इनको डाइवर्ट किया जाएगा।

पुलिस ने कहा कि इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन दोपहर दो बजे से पांच बजे तक ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे। उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा। पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रवक्ता अभिनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आज यानी गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में निकाली जाने वाली ट्रैक्टर यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गौतम बुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और अपर पुलिस आयुक्त कानून- व्यवस्था लव कुमार, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर पहुंचे।

आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से NH-9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। ये किसान भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर अन्य प्रदर्शनकारियों तरह तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक नया कानून की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ उनकी वार्ता अंतिम दौर में पहुंच चुकी है, लेकिन कानूनों को रद्द करने पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे संशोधनों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होनी है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के स्टेट प्रेजिडेंट राजबीर सिंह ने कहा, “26 जनवरी को हमारे ‘दिल्ली चलो’ के एक ड्रेस रिहर्सल के रूप में हमारे किसान ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे और डासना इंटरचेंज से एक्सप्रेस-वे में प्रवेश करेंगे। बागपत से अन्य लोग भी डासना में शामिल होंगे। ट्रैक्टरों को ठीक से खड़ा किया जाएगा और ट्रॉलियां मार्च का हिस्सा नहीं होंगी। इसके बाद ट्रैक्टर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पलवल जाएंगे और वापस डासना आएंगे।” 

उन्होंने कहा, “हर ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय ध्वज और बीकेयू का झंडा लगा होगा। अनुमान है कि लगभग 500-600 ट्रैक्टर इस रिहर्सल में भाग लेंगे। हमारे नेता पहले ही कह चुके हैं कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम 26 जनवरी को दिल्ली जाएंगे। इसलिए, एक तरह से हम गुरुवार को पूर्वाभ्यास कर रहे हैं।”

यूपी गेट से सैकड़ों ट्रैक्टर NH-9 के दिल्ली-गाजियाबाद कैरिजवे से होते हुए डासना तक लगभग 19 किमी की दूरी तय करेंगे। एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर मार्च से दोनों प्रमुख हाईवे पर यातायात प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर प्रति दिन लगभग 50000 यात्री कारें गुजरती हैं जबकि यूपी गेट मार्ग पर लगभग 80000 वाहन गुजरते हैं।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने कहा, “ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे में ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है और अगर किसान मार्च  निकालते हैं तो ट्रैफिक बाधित होगा। हम इस बारे में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे। पहले से ही, किसानों ने पलवल और सोनीपत में दो बड़े टोल फ्री कर दिए हैं और यह राजस्व को भी प्रभावित कर रहा है। अनुमान है कि टोल से हमें प्रति दिन लगभग 90 लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन 25 दिसंबर से हमें प्रति दिन केवल लगभग 25 लाख रुपये ही मिल रहे हैं।”

गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने कहा कि उन्होंने किसानों से बात की है और उनसे नियम-कानूनों का पालन करने के लिए कहा है। साथ ही अधिकारियों की हमारी समिति पहले से ही किसान नेताओं के संपर्क में है। हम यह भी कहेंगे कि पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक तैनाती करनी होगी ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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