अमेरिकी नियामक संस्था एफ़डीए (फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने अपनी जाँच में पाया है कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की कोरोना वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है.
इससे अमेरिका में कोरोना की तीसरी वैक्सीन की मंज़ूरी का रास्ता साफ़ हो गया है.
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन फ़ाइज़र और मॉडर्ना वैक्सीन की एक बेहतर और सस्ती विकल्प हो सकती है क्योंकि यह वैक्सीन फ़्रीज़र के बजाए आम रेफ़्रीजिरेटर में रखी जा सकती है.
यह वैक्सीन सिर्फ़ एक ख़ुराक दी जाएगी जबकि फ़ाइज़र और मॉडर्ना की वैक्सीन दो ख़ुराक दी जाती है.जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने परीक्षणों के नतीजे पिछले महीने सार्वजनिक किए थे.
एफ़डीए के अनुसार इस वैक्सीन का ट्रायल अमेरिका, दक्षिण अफ़्रीका और ब्राज़ील में किया गया था.आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ इस वैक्सीन को 85 फ़ीसद असरदार पाया गया था.
शुक्रवार को विशेषज्ञों की एक टीम इस बात का फ़ैसला करेगी कि एफ़डीए को इस वैक्सीन की मंज़ूरी देनी चाहिए या नहीं.व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार अगर एफ़डीए इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंज़ूरी दे देता है तो अगले हफ़्ते तक इसकी तीस लाख ख़ुराक मिल जाएगी.
कंपनी के अनुसार मार्च के आख़िर तक वो दो करोड़ ख़ुराक की सप्लाई देगी. कंपनी ने अमेरिका को जून के आख़िर तक 10 करोड़ ख़ुराक सप्लाई देने का समझौता किया है.अमेरिका में अब तक छह करोड़ 50 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है और रोज़ाना क़रीब 13 लाख लोगों को वैक्सीन दी जाती है.