जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ पीलीभीत और शाहजहांपुर में ‘खेल’ हो गया। प्रत्याशी भाजपा में शाामिल हो गए। इस तरह बीेजेपी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए, जबकि सहारनपुर में बसपा प्रत्याशी ने अपना पर्चा वापस ले लिया। पीलीभीत और शाहजहांंपुर में भाजपा के इस खेल ने सपा को चारों खाने चित कर दिए।
स्वामी प्रवक्तानंद फिर से भाजपा में शामिल:
पीलीभीत में समाजवादी पार्टी (सपा) जिला पंचायत पद के लिए बनाए गए प्रत्याशी स्वामी प्रवक्तानंद उर्फ़ जयद्रथ फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापस आ गए। इसके बाद उन्हाेंने नाम वापस ले लिया। जिससे भाजपा प्रत्याशी डाॅ० दलजीत कौर जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई। स्वामी के सपा में जाने से ऐसा माना जा रहा था कि सपा का पलड़ा भारी है और सपा नेता भी आत्मविश्वास से लवरेज थे। भाजपा की पूरी टीम गोटियां बिछाने में लग गई थी। आज जो हुआ वो संभवत: उसी रणनीति का हिस्सा था। नाम वापसी के अंतिम दिन आज भाजपा का मंगल हो गया। इससे सपा खेमे में मायूसी है।
हाल ही में भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए स्वामी प्रवक्ता नंद को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया था। प्रवक्ता नंद सपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भी दर्ज करा चुके थे। सपा की तरफ से भाजपा उम्मीदवार डॉ. दलजीत कौर के खिलाफ आपत्ति भी दाखिल की गई थी। हालांकि आपत्ति को प्रशासन ने मौखिक बायन जारी कर खारिज कर दिया था। कल तक दोनों पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार जिताने के लिए गोटियां बिछाने में लगी थी। आज जो हुआ उसने सभी को अचंभित कर दिया। सपा उम्मीदवार स्वामी प्रवक्ता नंद बड़े काफिले के साथ कलेक्ट्रेट में नाम वापस लेने पहुंच गए। उनके साथ भाजपा शहर विधायक संजय सिंह गंगवार और भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप समेत तमाम अन्य नेता मौजूद थे।
स्वामी प्रवक्ता नंद ने उम्मीदवारी से नाम वापस लेने पर सपा नेता हक्का-बक्का रह गए। जिस बागी भाजपा नेता को सपा ने अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था, ऐन मौके पर वह घर वापसी कर गया। लोग इसे भाजपा का राजनीतिक स्टंट मानकर चल रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा सांसद वरुण गांधी के खासम खास माने जाने वाले स्वामी प्रवक्ता नंद ने पार्टी में पिछड़ों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा को छोड़ सपा का दामन थाम लिया था लेकिन वह पुन: भाजपा में शामिल हो गए और सपा से भरा नामंकनक वापस ले लिया और भाजपा की झोली में जिला पंचायत अध्यक्ष पद चला गया।
नाम वापस लेने पर भाजपा के चौधरी मांगेराम बने सहारनपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष
सहारनपुर में एक मात्र विपक्षी उम्मीदवार के नाम वापस लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चौधरी मांगेराम को सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष विजयी घोषित कर दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि बसपा प्रत्याशी के नाम वापस लेने से भाजपा के मांगेराम का अकेला नामांकन पत्र रह जाने से उन्हें नाम वापसी की अवधि तीन बजे के बाद विजयी घोषित कर दिया ।
सहारनपुर जिला पंचायत में 49 सदस्य हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 26 जून को नामांकन के वक्त बसपा के घोषित उम्मीदवार शिमला देवी ने नामांकन दाखिल नहीं किया था। उनके स्थान पर अंतिम समय में वार्ड 38 के जिला पंचायत सदस्य जसवीर सिंह गुर्जर ने अपना नामांकन दाखिल किया था। बसपा अध्यक्ष मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने की कल घोषणा कर दी थी। उसी के अनुपालन में जयवीर सिंह ने आज अपना नामांकन वापस ले लिया। बसपा के जिलाध्यक्ष योगेश कुमार ने कहा कि पार्टी यह चुनाव जीतने की स्थिति में थी और उसे सपा और कांग्रेस का समर्थन भी प्राप्त था। लेकिन सत्ता के दबाव और भाजपा नेताओं के प्रलोभन के चलते बसपा नेता खटाना ने अंतिम समय पर अपनी मां शिमला देवी का नामांकन नहीं कराया जिससे बसपा के साथ-साथ पूरे विपक्ष को झटका लगा। सपा जिलाध्यक्ष चौधरी रूद्र सैन ने कहा कि हमारी पार्टी का बसपा को समर्थन था और यदि हम लोगों को यह लगता कि बसपा में गड़बड़ है ,तो उसका घोषित उम्मीदवार ऐन मौके पर चुनाव मैदान से पलायन कर जाएगा तो हमारी पार्टी समय रहते अपना उम्मीदवार मैदान में जरूर उतारती। सपा के पांच निवार्िचत सदस्य हैं। कांग्रेस के आठ सदस्य हैं। कांग्रेस के सचिव इमरान मसूद भी बसपा में हो रहे अंदरूनी घटनाक्रमों का अंदाजा नहीं लगा पाए।
शाहजहांपुर में भी लगा झटका:
शाहजहांपुर में सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी वीनू सिंह भाजपा में शामिल हो गई है। मंगलवार को सुबह कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भाजपा कार्यालय में वीनू सिंह को सदस्यता दिलवाई। अब शाहजहांपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।