जमशेदपुर के सिख लोहड़ी नहीं मनाएंगे। किसान आंदोलन के पक्ष में शिद्दत से जुटे सिख संगठनों ने घोषणा की है कि उसके सदस्य लोहड़ी का जश्न नहीं मनाएंगे। अन्नदाता कृषि बिल के खिलाफ आंदोलनरत हैं, ऐसे में लोहड़ी का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि किसानों के समर्थन में लोहड़ी नहीं मनाने का फैसला लिया गया है। लोहड़ी नहीं मनाकर फेडरेशन सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराएगा। दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसान जान की परवाह किए बिना 41 दिनों से आंदोलनरत हैं। इस दौरान पांच दर्जन किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में लोहड़ी का जश्न का सवाल ही नहीं उठता है। बकौल गंभीर, समाज के लोगों से आग्रह किया है कि किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए लोहड़ी नहीं मनाएं। सिख धर्म में आंदोलन में मौत की बड़े सत्कार और समर्पण की भावना से कद्र होती है।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा है कि किसान आंदोलन को लेकर देश में जो माहौल है। वो लोहड़ी पर्व हो या कोई जश्न मनाने का नहीं है। इस संबंध में अंतिम फैसला सीजीपीसी की तमाम गुरुद्वारा कमेटियों के साथ होनेवाली बैठक में लिया जाएगा।
किसान आंदोलनरत हैं, ऐसे में कृषि आधारित पर्व लोहड़ी मनाने का कोई औचित्य नहीं है। केंद्र सरकार की हठधर्मी को कभी माफ नहीं करेंगे।
सतनाम सिंह गंभीर, राष्ट्रीय महासचिव, फेडरेशन
20 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व को लेकर सीजीपीसी की आमसभा होगी। जिसमें नगर कीर्तन और लोहड़ी पर विशेष चर्चा होगी।
अभी लोहड़ी का माहौल नहीं है। शुक्रवार किसान वार्ता पर नजर है। प्रधानमंत्री का अच्छा फैसला आए तो लोहड़ी की खुशी दोगुनी होगी।