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Friday, November 22, 2024

चौरीचौरा शताब्दी समारोह’ पर UP में एक साथ गूंजेगा वंदे मातरम, PM मोदी करेंगे संबोधित

गोरखपुर. आजादी की लड़ाई के सुनहरे अध्याय ‘चौरी चौरा घटना’ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर प्रदेश में समवेत राष्ट्रगीत ‘वन्देमातरम’ गूंजेगा. गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद स्थित चौरी चौरा स्मृति स्थल हो अथवा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थान और 1947 से अब तक देश की रक्षा करते हुए शहादत देने वाले अमर शहीदों के स्मृति स्थल, हर कहीं वंदेमातरम गायन होगा. यही नहीं, 04 फरवरी की शाम पूरा प्रदेश सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों की स्मृति को नमन करते हुए दीप-प्रज्वलन भी करेगा.

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम आवास पर चौरी चौरा शताब्दी वर्ष से जुड़े कार्यक्रमों के तैयारियों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि समवेत वंदे मातरम गायन के लिए यह जरूरी है कि एक निर्धारित लय में ही गायन हो. स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय हों अथवा, शहीद स्मृति स्थल, सभी स्थानों पर इस संबंध में पूर्वाभ्यास कर लिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रातःकाल प्रभातफेरी के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत हो. पुलिस बैंड के माध्यम से राष्ट्रभक्ति के गीतों भी बजाए जाएं.

PM मोदी का होगा उद्बोधन
सीएम योगी ने कहा कि 4 फरवरी 2021 से 4 फरवरी 2022 तक चलने वाले चौरी चौरा शताब्दी वर्ष समारोह के प्रथम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष उद्बोधन भी होगा. ऐसे में, प्रधानमंत्री के उद्बोधन का सीधा प्रसारण टेलीविजन और आकाशवाणी के अलावा जगह-जगह एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रदेश के सभी शहीद स्थलों पर किया जाए. इसके साथ ही, 04 फरवरी की शाम को इन पूजनीय स्थलों पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाए. यह सुनिश्चित हो कि कवि सम्मेलनों में स्थानीय प्रतिभाओं को स्थान मिले.

22 पुलिसकर्मी समेत 25 लोगों की हुई थी मौत
आसहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे लोगों पर स्थानीय पुलिस ने बल प्रयोग किया. इससे आंदोलन में शामिल लोग भड़क गए. आंदोलनकारियों की संख्या पुलिस की तुलना में अधिक थी. आंदोलकारियों के मूड- मिजाज को भांपते हुए पुलिस के लोगों ने थाने में शरण ली. भीड़ में कुछ लोग वहां पहुंचे और थाने में आग लगा दी. इस पूरे घटनाक्रम में कुल 25 लोगों की मौत हुई.मृतकों में 22 पुलिसकर्मी और 3 आम नागरिक थे. इतिहास में यह घटना चौरीचौरा कांड के नाम से प्रसिद्ध है. चौरीचौरा कांड के बारे में इतिहासकारों का नजरिया अलग-अलग है. खुद गांधी जी ने इस घटना के बारे में कहा था कि -यह घटना इस बात की दैवीय चेतावनी है कि देश की जनता अभी स्वाधीनता के लिए अहिंसक आंदोलन को तैयार नहीं है.

19 लोगों को हुई थी फांसी

चौरीचौरा कांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ को भी अंग्रेजों ने आरोपी बनाया था. इस घटना में 222 लोगों को आरोपी बनाया गया था. बतौर वकील आरोपियों की पैरवी पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. बावजूद इसके 19 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई.इस घटना के बाद से फिरंगियों को लग गया था कि अब भारत को अधिक दिनों तक गुलाम बनाकर नहीं रखा जा सकता.

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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