केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का बजट पेश किया. कोरोना वायरस महामारी के उबर रहे भारत को इस बजट से काफी उम्मीदें थी. कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत की बात कही गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बजट सत्र के पहले दिन इस बात के संकेत दिए थे कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत की तरफ सरकार द्वारा बढ़ाया गया एक और कदम होगा. ऐसे में बजट से पहले ही इस बात के अनुमान लगाए गए थे कि इस साल वो सभी चीजें मंहगी हो सकती है, जिसका भारत निर्यात करता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, उसमें सरकार द्वारा ऐलान किया गया कि मोबाईल फोन और चार्चर पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी.
हालांकि, कुछ चीज ऐसी भी हैं जो सस्ती हुई हैं.
क्या होगा मंहगा
मोबाईल और उसके चार्जर महंगें होंगे.
सूती कपड़े महंगे होंगे.
इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा होगा.
रत्न महंगे होंगे
सेब महंगा होगा
काबुली चना महंगा होगा
यूरिया महंगा होगा
डीएपी खाद महंगा होगा
चना दाल महंगी होगी
पेट्रोल-डीजल महंगी होगी
शराब महंगी होगी
ऑटो पार्ट्स महंगे होंगे.
क्या सस्ता होगा
चमड़ें के उत्पाद सस्ते होंगे
ड्राई क्लीनिंग सस्ती
लोहे के उत्पाद सस्ते होंगे
पेंट सस्ता होगा
स्टील के बर्तन सस्ते होंगे
इंश्योरेंस सस्ते होंगे
बिजली सस्ती होगी
जूता सस्ता होगा
नॉयनल सस्ता होगा
सोना-चांदी सस्ता होगा
पॉलिस्टर सस्ता होगा
कृषि उपकरण सस्ते होंगे.
शराब के शौकीनों को बजट (Budget 2021) से बड़ा झटका
शराब (Liquor) के शौकीनों को बजट (Budget 2021) से बड़ा झटका लगा है. शराब पर सरकार ने 100 फीसद सेस लगा दिया है. इसे लगने के बाद शराब की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होगी. इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल, डीजल आदि पर भी सेस बढ़ा दिया गया है. पेट्रोल पर ढाई रुपये डीजल पर 4 रुपये एग्रो इंफ्रा सेस लगाया गया है. इससे कई वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं.
शराब पर सौ फीसद सेस बढ़ने के बाद शराब की कीमतों में इजाफा होना तय है. अलग अलग राज्यों में शराब की कीमतों अलग है. शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में विभिन्न राज्यों में शराब की कीमतों में लगने वाले टैक्स की दर से हिसाब से कीमतों में इजाफा होगा.
शराब की बढ़ी हुई दरें अगले वित्त वर्ष यानि 1 अप्रैल से लागू होंगी.
पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा होने जा रहा है. आम बजट (Budget 2021) में डीजल (Diesel) पर 4 पेट्रोल (Petrol) पर ढाई रुपये का कृषि सेस लगाया गया. हालांकि, सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि ये सेस कंपनियों को देना होगा आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं होगा. जानकारों का कहना है कि जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय जगत में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा तेल कंपनियों को हुआ है, सरकार वहां से पैसे का इंतजाम कर रही है.