दिल्ली में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीएमआरसी ने मेट्रो में भीड़ कम करने के लिए एक उपाय ढूंढ निकाला है। भीड़ को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन, यलो लाइन और ब्लू लाइन पर छह की जगह आठ डिब्बों वाली मेट्रो चलाने का निर्णय लिया है। दिल्ली में अभी कुल 336 मेट्रो ट्रेन का परिचालन होता है। इस कार्य के लिए डीएमआरसी ने 120 अतिरिक्त कोच मंगवाएं हैं। मेट्रों के अनुसार तीनों लाइनों पर छह कोच वाली ट्रेनों को आठ कोच वाली ट्रेनों में बदलने का काम शुरू हो चुका है। रेड लाइन की छह कोच वाली 39 ट्रेनों में दो और कोच जोड़े जाएंगे। इसी तरह यलो लाइन पर बारह एवं ब्लू लाइन पर नौ ट्रेनों को आठ कोच वाली ट्रेनों में तब्दील किया जाएगा।
कोविड के मामलों में वृद्धि को देखते हुए लिया गया ये फैसला
पिछले चौबीस घंटों में दिल्ली में 4,000 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं और इस साल की कोविड के कारण होने वाली सबसे ज्यादा, 21 मौतें दर्ज की गई हैं। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। भारत में एक दिन में आने वाले मामलों की संख्या ने 1 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है और स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ये बयान दिया कि दिल्ली में अभी लॉकडाउन लगने के कोई आसार नहीं हैं। ऐसे में डीएमआरसी का यह कदम स्वागत योग्य है।
इन तीन लाइनों पर सबसे ज्यादा यात्री करते हैं सफर
दिल्ली मेट्रों की जिन तीन लाइनों पर कोच बढ़ाने का काम चल रहा है उन पर रोजाना सबसे ज्यादा यात्री सफर करते हैं। दिल्ली के कुल यात्रियों का 50 फीसदी हिस्सा इन तीन लाइनों से सफर करता है। इन तीन लाइनों पर दिल्ली मेट्रों के तीन सबसे बड़े इंटरचेंज- राजीव चौक, कश्मीरी गेट और हौज खास भी स्थित हैं। कोचों की संख्या बढ़ने के बाद यात्रियों के लिए सामजिक दूरी का पालन करना आसान होगा। इससे यात्रियों के लिए भी सफर करना आरामदायक हो जाएगा क्योंकि सामजिक दूरी का पालन करने के कारण यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिलती है।
प्रतिदिन पांच हजार फेरे लगाती है मेट्रो
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो रोजाना लगभग 5000 फेरे लगाती है और गौर करने की बात यह है कि कोरोना के कारण यात्रियों की संख्या 25 फीसदी तक रह गई है। अभी दिल्ली मेट्रो के पास छह कोच वाले 181 और आठ कोच वाले 133 ट्रेन सेट हैं। दिल्ली में चार कोच वाले 22 ट्रेन सेट भी चलाए जाते हैं। कुल मेट्रो ट्रेनों का लगभग पचास प्रतिशत भाग रेड, यलो और ब्लू लाइनों पर ही चलाया जाता है। ट्रेनों में दो कोच और जोड़े जाने का फायदा दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के लोगों को भी मिलेगा।