मोदी सरकार आज यानी 1 फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगतार तीसरा बजट पेश करेंगी। संसद में करीब 11 बजे यह बजट पेश होगा, उससे ठीक पहले केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक होगी। माना जा रहा है कि कोरोना की वजह से सुस्त पड़े अर्थव्यवस्था को निर्मला सीतारमण आज आर्थिक टीका देंगी। इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत दी मिलेगी। साथ ही स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद की जा रही है। यह एक अंतरिम बजट समेत मोदी सरकार का नौवां बजट होने वाला है। यह बजट ऐसे समय पेश हो रहा है, जब देश कोविड-19 संकट से बाहर निकल रहा है। इसमें व्यापक रूप से रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर खर्च को बढ़ाने, विकास योजनाओं के लिये उदार आवंटन, औसत करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने और विदेशी कर को आकर्षित करने के लिये नियमों को आसान किये जाने की उम्मीद की जा रही है।
-इस बार बही खाता नहीं बल्कि टैब के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय से राष्ट्रपति भवन के लिए निकल चुकी हैं।
-दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर वित्त मंत्रालय से निकले। इस दौरान उनके हाथ में एक छोटा सा फाइल टाइप का बैग दिखा, जिसमें टैब है। इस साल पेपर लेस बजट पेश होगावित्त मंत्री निर्मलाल सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंचीं। आज वह संसद में बजट पेश करेंगी।
पिछली बार बही खाते में पेश हुआ था बजट
निर्मला सीतारमण ने 2019 में अपने पहले बजट में चमड़े के पारंपरिक ब्रीफकेस को बदल दिया था और लाल कपड़े में लिपटे ‘बही-खाते’ के रूप में बजट दस्तावेजों को पेश किया था। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
अर्थशास्त्रियों की क्या है राय
अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा। उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते अथवा लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नये कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिये। विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह बजट कुछ इस तरीके का हो, जो भविष्य की राह दिखाये और दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाये। सोच-समझकर तैयार किया गया बजट भरोसा बहाल करने में लंबी दौड़ का घोड़ा साबित होता है। इसे सितंबर 2019 में पेश मिनी बजट या 2020 में किस्तों में की गयी सुधार संबंधी घोषणाओं से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
इन क्षेत्रों पर रहेगा जोर
जानें किन क्षेत्रों पर रहेगा जोर
स्वास्थ्य सेवा
कोरोना संकट ने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है, आर्थिक समीक्षा में स्वास्थ्य क्षेत्र पर बजट बढ़ाने का सुझाव दिया है। उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवा पर आवंटन कई गुना बढ़ाया जाए।
वाहन उद्दोग
जीडीपी में बड़ा योगदान देने वाले वाहन उद्दोग को बजट में विशेष प्रोत्साहन दिया जा सकता है। इससे रोजगार बढ़ने में मदद मिलेगी।
मैन्युफैक्चरिंग
आत्मनिर्भर भारत के तहत मैन्युफिक्चरिंग को रियायत दी गई है। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए विशेष प्रावधान हो सकते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर
कोरोना संकट से निकलने के लिए इन्फ्रास्टक्चर पर आवंटन को बढ़ाकर रोजगार के मौके पैदा किए जाएंगे।
GST संग्रह रिकॉर्ड रहा
दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रहा। सरकार लोगों के हाख में अधिक पैसा पहुंचाने की कोशिश करेगी।
पीएममआई में उछाल
दिसंबर में सेवा क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गई। सेवा क्षेत्र की गतिविधियों तेजी पर भी ऐलान संभव।
रियल एस्टेट को उबारने की कोशिश
कोरोना संकट और लॉकडाउन से घरों की बिक्री बहुत प्रभावित हई है। रियल एस्टेट में सुस्टी से करीब 200 सेक्टर पर असर पड़ा है। ऐसे में घर खरीदारों को प्रोत्साहन देने के लिए कोई नई स्कीन का ऐलान किया जा सकता है।
बैकिंग सिस्टम को सपोर्ट
कोरोना संकट के कारण बैंकों का एनपीए नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. सरकार बैंकों में नई पूंजी डालने का ऐलान कर सकती है।
स्टार्टअप
सरकार स्वोरजगार पर जोर दे रही है. उम्मीद है कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए रियायत की घोषणा हो।