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Saturday, June 21, 2025

कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इसके अलावा कार्यक्रम में केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी शामिल रहे। इस पाइपलाइन की लंबाई 450 किमी है।

पाइपलाइन का उद्घाटन गर्व की बात

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सबसे पहले देशवासियों को बधाई दी और पाइपलाइन का उद्घाटन कर इसे देशवासियों को समर्पित करना गर्व बात की बताया है। उन्होंने कहा कि 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है। पीएम ने बताया कि इस पाइपलाइन से केरल और कर्नाटक को जोड़ा गया है।

गिनाए 10 फायदे

प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के 10 फायदे गिनाते हुए कहा, दोनों राज्यों के लाखों लोगों की ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी, यहां के गरीब, मध्यमवर्ग का खर्च कम होगा। ये अनेक शहरों में गैस सिस्टम का माध्यम बनेगी। चौथा सीएनजी आधारित सिस्टम का आधार बनेगा|मंगलुरु केमिकल को ऊर्जा देकर खाद बनाने में सहायता मिलेगी। मंगलुरु रिफाइनरी को स्वच्छ ईंधन देगी। सातवां फायदा दोनों राज्यों में प्रदूषण कम होगा। आठवां लाभ जितना कार्बन इमीशन इससे कम होगा उतना लाखों पेड़ लगाकर ही मिल सकता है। नौवीं बात पर्यावरण बेहतर होने से लोगों की सेहत अच्छी रहेगी और बीमारी पर होने वाला खर्च कम होगा। 10वां फायदा जब प्रदूषण कम होगा तो टूरिस्ट ज्यादा आएंगे।

मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, कोच्चि-मंगलुरू पाइपलाइन इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देकर सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। इस प्रोजेक्ट में कई दिक्कतें भी आईं, लेकिन हमारे श्रमिकों, इजीनियरों, किसानों और राज्य सरकारों के सहयोग से ये काम पूर्ण हुआ। कहने को तो ये पाइप लाइन है, लेकिन दोनों राज्यों के विकास को गति देने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।

विपक्ष पर बोला हमला

इस दौरान पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘जितना काम 27 सालों में हुआ हम उससे ज्यादा आधे वक्त में करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पहली इंटरेस्ट पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी। इसके बाद 2014 तक मतलब 27 सालों में 15 हजार किलोमीटर पाइपलाइन बनी। वर्तमान में देशभर में 16 हजार यानी किलोमीटर पाइपलाइन पर काम जारी है। अगले चार से छह सालों में इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह 1982 के आसपास सीएनजी स्टेशन शुरू किया गया। 2014 तक इनकी संख्या 900 से ज्यादा नहीं थी। पिछले सालों में 1500 से अधिक नए सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। इनकी संख्या 10 हजार तक ले जाने के लिए काम किया जाना है। 2014 तक 25 लाख पाइप से गैस कनेक्शन थे और वर्तमान में 72 लाख से ज्यादा घरों तक पाइप से गैस के कनेक्शन हैं। 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी थे और छह सालों में इतने ही और शुरू किए गए। कोरोना काल में लोगों को रसोई गैस की किल्लत नहीं होने दी गई और 12 करोड़ के करीब मुफ्त सिलेंडर गरीबों को उपलब्ध करवाए गए।’देशवासियों को सस्ता प्रदूषण रहित ईंधन देने के लिए काम चल रहा हैपीएम मोदी ने कहा, ‘भविष्य की ऊर्जा की जरूरतों को आज से तैयार करने की कोशिश है। प्राकृतिक गैस पर फोकस के साथ एनर्जी रिसोर्स पर काम चल रहा है। गुजरात में हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड़ एनर्जी प्लांट पर काम चल रहा है। इसी तरह से बायो फ्यूअल पर काम चल रहा है। गन्ना हो या अन्य एग्रो प्रोडक्ट से इथेनोल पर काम किया जा रहा है। अगले 10 सालों में इथेनोल को 20 फीसद करने की प्लानिंग की जा रही है।

देशवासियों को सस्ता, प्रदूषण रहित ईंधन देने के लिए काम हो रहा है।

गौरतलब है कि यह 450 लंबी पाइपलाइन गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा बनाई गई है। इसकी हर दिन 10 लाख 20 हजार मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर परिवहन की क्षमता है। यह तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) रेगुलेशन टर्मिनल से प्राकृतिक गैस ले जाएगी। यह पाइपलाइन कोच्चि से एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होते हुए मंगलुरु तक जाएगी।इस परियोजना की लागत में तीन हजार करोड़ का खर्च आया है और निर्माण में 12 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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