किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक करेंगे।
बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। दस दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था। किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत होनी है। किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी।
किसानों ने शुक्रवार शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे। किसानों ने कहा कि यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरुद्ध करने की योजना बनाई गई है। किसानों ने कहा कि किसान 5 दिसंबर को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे और सात दिसंबर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे। किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-एनसीआर की यातायात प्रभावित हो रहा है।
किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक करेंगे। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन खत्म करेंगे
दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज दोपहर 2 बजे किसानों के साथ एक बैठक निर्धारित है। मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन खत्म करेंगे।