वाराणसी, 21 जुलाई 2025: सावन माह के दूसरे सोमवार को भगवान शिव की नगरी काशी आस्था और भक्ति के रंग में पूरी तरह डूब गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों शिवभक्तों और कांवड़ियों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिससे मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयकारों और केसरिया रंग से सराबोर हो गया। रविवार देर रात से ही भक्तों की कतारें बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए लगनी शुरू हो गई थीं, जो सोमवार भोर की मंगल आरती के साथ और गहरी हो गई।
भव्य मंदिर, भक्ति का अनुपम संगम
कामिका एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग और गौरी योग के पावन संयोग में शिवभक्तों ने भोर में मंगल आरती के बाद पवित्र ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक और झांकी दर्शन किया। मंदिर के नव्य और विस्तारित स्वरूप को देखकर भक्त आह्लादित नजर आए। गर्भगृह से लेकर गंगा तट तक बोल बम और हर-हर महादेव के उद्घोष गूंजते रहे। सावन के इस पवित्र दिन मंदिर परिसर का हर कोना केसरिया रंग में रंगा दिखा, जहां कांवड़िए और शिवभक्त बाबा के दर्शन के लिए उत्साह से भरे थे।
प्रशासन की चुस्त व्यवस्था, भक्तों पर बरसीं गुलाब की पंखुड़ियां
भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों को सुगम दर्शन का अनुभव देने के लिए मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र के नेतृत्व में अधिकारियों ने कतारबद्ध भक्तों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर उनका स्वागत किया, जिसे देख भक्तों के चेहरे खिल उठे। मंदिर में चार अलग-अलग प्रवेश द्वार, डिजिटल दर्शन की सुविधा, 24 घंटे मेडिकल सपोर्ट और जिगजैग बैरिकेडिंग जैसे इंतजाम किए गए। वीआईपी दर्शन और सुगम दर्शन टिकटों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई, ताकि सभी भक्तों को समान अवसर मिले।
गंगा स्नान से जलाभिषेक तक
सोमवार की भोर 3:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा विश्वनाथ का भव्य श्रृंगार और मंगल आरती हुई। इसके बाद मंदिर का पट खुलते ही भक्तों की अटूट कतारें दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़ीं। दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान के बाद भक्त पात्रों में जल भरकर बाबा के दरबार पहुंचे। थकान, उमस और नंगे पांव चलने से पड़े छालों के बावजूद भक्तों की आस्था अडिग रही। सामाजिक संगठनों, नागरिक सुरक्षा संगठन और राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह शिविर लगाकर भक्तों की सेवा में योगदान दिया।
अन्य शिवालयों में भी उमड़ा जनसैलाब
काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ-साथ दारानगर के महामृत्युंजय, शूलटंकेश्वर, तिलभांडेश्वर, गौरी केदारेश्वर, त्रिलोचन, रामेश्वर, कर्मदेश्वर और सारंगनाथ जैसे शिवालयों में भी जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
मार्कंडेय महादेव धाम में भक्ति की धारा
चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में भी लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े। गंगा-गोमती संगम में डुबकी लगाने के बाद भक्त धाम में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए बैरिकेडिंग और वाहन नियंत्रण जैसे इंतजाम किए। धाम से तीन किलोमीटर पहले कैथी तिराहे पर वाहनों को रोककर भक्तों को पैदल मार्ग से दर्शन के लिए भेजा गया।
सावन का यह दूसरा सोमवार काशी में भक्ति, आस्था और उत्साह का अनुपम संगम बन गया। बाबा विश्वनाथ के दरबार में गूंजते जयकारों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि काशी की आध्यात्मिक शक्ति और शिवभक्ति की गंगा अनवरत बहती रहेगी।