यूं तो भारत में मौजूद हर राज्य और हर शहर की एक अलग ही विशेषता है, जो लोगों को अपनी तरफ खींचती है। यहां की कला और संस्कृति विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है। धर्म आध्यात्म की नगरी काशी भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी संस्कृति के लिए मशहूर है। गंगा किनारे बसा यह शहर काशी विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ, बनारसी साड़ी, बनारसी पान के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं। काशी में पर्यटन के आकार को विस्तार देने के लिए डबल इंजन की सरकार ने अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। दरसल, काशी के कायाकल्प के पीछे प्रधानमंत्री मोदी की संकल्प शक्ति रही है।
आने वाले दिनों में वाराणसी शहर में संचालित सिटी बसों और ई-रिक्शा पर त्रिशूल और बाबा विश्वनाथ धाम मॉडल के आकार का प्रतीक चिन्ह (लोगो) देखने को मिलेगा। जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा। वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (वीसीटीएसएल) और स्मार्ट सिटी की ओर से डिजाइन पर काम किया जा रहा है। सिटी की ई-बस और डीजल बसों, समेत ई-रिक्शा पर यह लोगो लगाया जाएगा। इससे सिटी बसों की पहचान भी होगी। पिछले दिनों कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की बोर्ड की बैठक में लोगो के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। इसके बाद से वीसीटीएसएल और स्मार्ट सिटी की ओर से लोगो पर काम किया जा रहा है।
वीसीटीएसएल अधिकारियों के अनुसार बड़े महानगरों में सिटी ट्रांसपोर्ट के वाहनों पर उनका लोगो होता है। ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों को यह एहसास होता है कि यह अधिकारिक सेवा है। इस तरह काशी में आने वाले पर्यटकों को भी लोगो देख सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा के प्रति उनका झुकाव बढ़ेगा। दिनों दिन काशी में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। अधिकारियों के अनुसार शहर में ई-रिक्शा का भी संचालन सिटी ट्रांसपोर्ट की ओर से शुरू किया जा रहा है। स्टैंड का स्थान भी अंधरापुल के पास चिह्नित कर लिया गया है।