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Saturday, June 28, 2025

कानपुर के नर्वल तहसील में दलित की जमीन का लैंडयूज बदलवाने में घूसखोरी का भंडाफोड़ हुआ

कानपुर के नर्वल तहसील में दलित की जमीन का लैंडयूज बदलवाने में घूसखोरी का भंडाफोड़ हुआ है। इस रिश्वतकांड के तीन ऑडियो और एक वीडियो शुक्रवार शाम से वायरल हैं। ऑडियो में ‘मैडम’ के नाम पर 25 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से दो बीघा जमीन का लैंडयूज बदलवाने का सौदा तय हुआ है। इसके आगे-पीछे की तमाम बातें भी ऑडियो में हैं। इस संवाद के बीच बड़े अधिकारी और प्रभावशाली लोगों के नाम भी आए हैं। ‘मैडम’ और उनके नाम पर रिश्वत लेने वाला कौन है, इसे लेकर कानाफूसी हो रही है। हिन्दुस्तान इस ऑडियो-वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

सूत्रों के मुताबिक मामला नर्वल तहसील के नगवा गांव का है। जहां की आराजी संख्या 812 की 0.9940 हेक्टेयर जमीन गांव के प्रेमलाल, उनके बेटे विशाल, नीरज तथा पत्नी सियादुलारी के नाम दर्ज है। इस रकबे का आधा हिस्सा पहले से ही अकृषि भूमि के रूप में प्रयोग हो रही है। बाकी बची आधी जमीन का भू उपयोग अकृषि भूमि के रूप में बदलने के लिए इस परिवार ने आवेदन किया था। उन्होंने सर्किल रेट का एक फीसदी 33 हजार रुपए का चालान जमा किया और इतने का ही स्टांप दाखिल किया। इसके बाद एसडीएम ने 10 फरवरी को इसे अकृषि घोषित करने का आदेश जारी किया। सूत्रों का कहना है कि भंडाफोड़ करने वाले ऑडियो-वीडियो इसी आदेश से संबंधित हैं। देर रात इस वायरल रिश्वतखोरी की सूचना डीएम को सबूतों के साथ मिल गई।

रिश्वतखोरी के ऑडियो-वीडियो की प्राथमिक जांच के बाद कानून-गो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश सीडीओ को दिया है। संदेह के दायरे में आए तहसीलदार और एसडीएम की भूमिका की जांच के लिए एडीएम सिविल सप्लाई को नामित किया गया है। दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।आलोक तिवारी, डीएम, कानपुर नगर
 
ऑडियो बता रहे, इत्मीनान से तय हुआ सौदा

कानपुर। इस कांड के वायरल ऑडियो बता रहे हैं कि पूरा सौदा बड़े इत्मीनान से तय हुआ है। बात करने वाला कानून-गो बताया जा रहा व्यक्ति पूरे भरोसे के साथ बात कर रहा है। वह यह भी कहता है कि तुमने रुपए लेते हुए हमारा वीडियो बना लिया है। तहसीलदार बता रहे थे। कहीं हमें जेल न भेज दें कलेक्टर। इस पर स्टिंग करने वाला उसे कुछ भी बुरा न होने का भरोसा देता है। दोनों ‘मैडम’ के बारे में बात करते हैं। उनका लब्बोलुआब यह है कि काम कराने वाले का रसूख जानते हुए भी मैडम बिना रिश्वत लिए काम नहीं कर रही है। पेश हैं तीनों वायरल ऑडियो की बातचीत।  

25 हजार रुपए बीघा है… शाम को ऑर्डर ले लो
वायरल ऑडियो -03
अवधि- 5.43 मिनट
-स्टिंगकर्ता: पाली से तहसील जाओगे?
-कानून-गो: हां।
-स्टिंगकर्ता: पेशकार आ जाए तो बात करा दो।
-कानून-गो: कल तक आप  चुप रहो। हम मैडम से पूछ लें। उसने हमें संदेशा बताया है।
-स्टिंगकर्ता: ले-देकर काम करवा दो। हो सकता मैडम उतने में न करें।
-कानून-गो:  25 हजार रुपया बीघा होता है। दो बीघा है तुम्हारा। आज रुके रहो। शाम तक गुरु से भी बात कर लेने दो।
-स्टिंगकर्ता: तो मैडम ने दूसरे दिन भी नहीं किया?
-कानून-गो: आज बृहस्पति है। तीन स्थानों का दौरा भी किया था।
-स्टिंगकर्ता: हमको सब मालूम है।
-कानून गो: मैडम के साहस की पराकाष्ठा है। यह जानते हुए भी कि साहब के खास आदमी हैं, पेशकार से संदेशा भेज रही हैं। न … को कुछ समझें न … को।
-स्टिंगकर्ता: आप कहो तो हम आ जाएं नर्वल, पेमेंट लेकर।
-कानून-गो: एक काम करो… आज न आओ, कल आओ।
-स्टिंगकर्ता: कल-कल में हम तो अकाल हो गए…
-कानून-गो: हमसे गुरुजी की बेइज्जती नहीं देखी जाएगी…
-स्टिंगकर्ता: हमसे कहा है कि साम, दाम, दंड, भेद जैसे हो करा लो।
-कानून-गो: तो फिर ऐसा करो, कहां हो तुम?
-स्टिंगकर्ता: दुकान में
-कानून-गो: हम पाली से दुकान पर आते हैं। हमको धन दे दो, हम मैडम को दे देंगे। शाम तक आर्डर लेकर आ जाते हैं।
-स्टिंगकर्ता: जैसा भी हो बताओ, हमको जल्दी है।
-कानून-गो: हम पाली से कानपुर आ जाते हैं। कल आपको हर कीमत पर आर्डर मिल जाएगा। हमें थोड़ी आशंका है कि कहीं आदेश कर न दिया हो।
-स्टिंगकर्ता: यदि कर दिया होगा तो हमको वापस कर देना।
-कानून-गो: मैडम से पूछ लेते हैं।
-स्टिंगकर्ता: हां
-कानून-गो: सब जानने के बाद यदि पैसा ले लेगी तो इसका मतलब कुछ नहीं समझती।
-स्टिंगकर्ता: हमको तो काम से मतलब है। पैरवी से न हो रहा है तो धन से ही सही।
-कानून-गो: हम अपने चेले को भेज रहे हैं। वह हमको भेजेगा। हम आपको भेज देंगे। हार्ड कापी कल ले लेना।  
-कानून-गो: अभी पेशकार कुर्सी पर नहीं है। बंगले मे हंै। परवाने पर दस्तखत हो गए हैं। अभी हमें फोन किया है। आ रहा होगा। अभी आर्डर भेज रहा हूं।
-स्टिंगकर्ता: ठीक।
-कानून-गो: अभी हमसे तहसीलदार ने कहा कि तुमने हमारा वीडियो बना लिया है, 50 हजार देते हुए। क्या वीडियो बनाए हो? हमको फंसा दोगे? सस्पेंड करा दोगे?
-स्टिंगकर्ता: नहीं तिवारी जी आप देख लेना। आपके लिए सब कुछ बता दिया गया है। उन्होंने ‘साहब’ को सब बताया है। उम्मीद है कि शाम तक मैडम हट जाएं।
-स्टिंगकर्ता: इनका और मामला है।
-कानून-गो: कौन ठेकेदार वाला?
-स्टिंगकर्ता: एक ठेकेदार है। उसको इसके आदमी ने बंगले पर बुलाया है। शिकायत हुई थी। बहुत नाराज हैं। कहा है कि इनको जेल भेजो, इन सबके खिलाफ लिखा पढ़़ी करो।
-कानून-गो: साहब से यह बात कही?
-स्टिंगकर्ता: इतना ज्यादा कभी नाराज नहीं हुए।
-कानून-गो: तब तो मैडम शाम तक साफ…।
-स्टिंगकर्ता: शाम तक देखो। ये खतौनी में चढ़वा दो।
-कानून-गो: हमको तो कोई खतरा नहीं है। कलेक्टर हमें ही जेल न भेज दें।
-स्टिंगकर्ता: भैया ने कहा है कि आपसे कोई मतलब नहीं है, लेकिन आपको यह कहना पड़ेगा का इनकी वजह से हमने किया है।
-कानून-गो: बिलकुल कह देंगे।
-स्टिंगकर्ता: आपको साक्षी बनना पड़ेगा। आपके लिए सब सहयोग में हैं, खतौनी में चढ़़वाओ। हमने शुक्ला जी को भेजा है।
-कानून-गो: अभी न भेजो, बंगले में हैं। यही सब उठापठक चल रही होगी अंदर।
-स्टिंगकर्ता: मैडम तो गईं…
-कानून-गो: पेशकार को बंगले में तीन-चार घंटे से बैठाए हैं। यही सब चल रहा होगा, हो जाएगा तो हम आपके पास लेकर आएंगे।

रिश्वतखोरी में कानूनगो सस्पेंड, केस भी दर्ज
 
‘मैडम’ के नाम पर 50 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोपी नर्वल के कानूनगो के खिलाफ शनिवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हो गई। तहसीलदार ने मुकदमा दर्ज कराया है। उधर, प्रभारी डीएम ने कानूनगो को निलंबित कर दिया है।आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने 13 फरवरी के अंक में लैंड यूज बदलने के नाम पर सौदेबाजी के ऑडियो-वीडियो की खबर प्रकाशित की थी। इस स्टिंग में रिश्वत लेने के दृश्य कैमरे में कैद हो गए। ऑडियो में 25 हजार रुपए प्रति बीघा की रिश्वत तय हुई। खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम ने प्रभारी डीएम सीडीओ डा. महेन्द्र कुमार को मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। शनिवार सुबह तहसीलदार नर्वल अमित गुप्ता ने तहरीर दी। इसमें आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दो लोगों के बीच लेन-देन संबंधी वार्ता की जा रही है। उक्त ऑडियो में प्रथम दृष्टया एक व्यक्ति की आवाज तहसील नर्वल के अधीनस्थ राजस्व निरीक्षक शिव किशोर तिवारी की पाई गई है। उनकी तहरीर पर पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (ए) में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।


नर्वल तहसील के कानून गो शिवकिशोर तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी कानून गो को निलंबित कर दिया गया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. महेंद्र कुमार, सीडीओ एवं प्रभारी डीएम

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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