नई दिल्ली। कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के समूह में शामिल कुछ नेता शनिवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है और 19 दिसंबर की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे। कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी।
राहुल को कमान सौंपने की तैयारी
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के आखिर में प्रस्तावित है। पार्टी हलकों से मिले अब तक के संकेतों से साफ है कि राहुल गांधी को दोबारा कांग्रेस की कमान सौंपने की तैयारी की जा रही है। पार्टी चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री संगठन चुनाव में वोट देने वाले एआइसीसी सदस्यों का डाटा बेस और पहचानपत्र लगभग तैयार कर चुके हैं। वहीं असंतुष्ट खेमा राहुल को दोबारा अध्यक्ष बनने से रोकने की रणनीति पर काम कर रहा है।
अंदरूनी कलह थामने की कवायद
पार्टी के गलियारों में यह चर्चा गरम है कि असंतुष्ट गुट कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में भी है। जी-23 की अगुआई कर रहे गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सरीखे नेताओं के साथ सोनिया गांधी की अलग-अलग बातचीत अंदरूनी उठापटक थामने की ही कोशिश होगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सिंह हुड्डा भी इस समूह के साथ हैं
तीन महीने से असमंजस
असंतुष्ट गुट ने बीते तीन महीने से नेतृत्व के असमंजस और पार्टी की कमजोर हालत के मुद्दे पर हाईकमान की सिरदर्दी बढ़ा रखी है। बिहार चुनाव में हुई करारी हार के बाद नाराज नेताओं की सक्रियता काफी तेज हो गई है। असंतुष्ट नेताओं की मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से भी पिछले दिनों पार्टी के मौजूदा हालात पर गहन मंत्रणा हुई थी।
सेतु की भूमिका में कमल नाथ
समझा जाता है कि इस चर्चा के दौरान कमल नाथ ने साफ कर दिया कि वे गांधी परिवार के खिलाफ नहीं जाएंगे। मगर कांग्रेस के हित में उनके उठाए सवालों पर नेतृत्व से चर्चा कर रास्ता निकालने की पहल करेंगे। इसके बाद कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर मंत्रणा की थी। माना जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं और नेतृत्व के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे कमल नाथ के साथ हुई चर्चा के बाद ही सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं से संगठन चुनाव पर सीधी बातचीत का फैसला किया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं, हालांकि वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं। मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, हालांकि इस ताजा घटनाक्रम में प्रियंका की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया। कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए।