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Thursday, December 26, 2024

कर्नाटक सरकार ने दिये निर्देश, पाठ्यपुस्तक से हटाना होगा ये ब्राह्मण विरोधी कंटेंट

Karnataka Government : ब्राह्मण विकास बोर्ड की शिकायत के बाद कक्षा 6 के सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से कुछ ऐसे कंटेंट को हटाने को कहा है जो ब्राह्मण समुदाय के लिए अपमानजनक है। अपने विभाग के शीर्ष अधिकारियों को एक नोट में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने यह भी निर्देश दिया है कि कक्षा 1 से 10 तक सामाजिक विज्ञान और भाषा की पाठ्यपुस्तकों में ऐसे कंटेंट की जांच करने के लिए शिक्षकों और विशेषज्ञों सहित एक समिति का गठन किया जाए और 15 दिन के अंदर वो रिपोर्ट दिया जाए।

आपको बता दें यह कदम ब्राह्मण विकास बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) से इस संबंध में याचिका के बाद आया था और कहा गया था कि ये कंटेंट ब्राह्मण समुदाय के लिए “अपमानजनक” थीं। यह कहते हुए कि मंत्रमुग्ध उत्परिवर्तन के ऋषि ने उन्हें फोन किया और ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं के बारे में बताया, फेसबुक पोस्ट में सुरेश कुमार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद पाठ्यपुस्तक या किसी भी नए अध्याय में संशोधन (revision) नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, उन्होंने ऋषि से वादा किया है कि अतीत में हुई धमाके की घटना जो अब प्रकाश में आया है, उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। नए धर्मों के जन्म के कारणों का हवाला देते हुए, कक्षा 6 के सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कहा गया है कि संस्कृत पुजारियों की भाषा थी और आम आदमी इसे समझ नहीं सकता था, मंत्री ने अपने नोट में कहा। पाठ्यपुस्तक के अनुसार, भोजन की कमी थी, क्योंकि ‘होमा’ और ‘हवन’ (अग्नि संस्कार) बड़ी मात्रा में खाद्यान्न, दूध, घी और अन्य सामग्री भेंट करके किए जाते थे।

उन्होंने यह भी कहा कि खेती में किसानों की मदद करने वाले जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इसी तरह के कुछ और अंशों पर प्रकाश डालते हुए, सुरेश कुमार ने अपने नोट में कहा कि अधिकांश लोगों की राय यह है कि ऐसी कंटेंट अनावश्यक थी और यह उस आयु वर्ग के छात्रों के उम्र से ऊपर थी, जिन्हें यह सिखाया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की उत्तेजक सामग्री से न केवल समाज में भ्रम पैदा होगा, बल्कि समुदाय या समाज के कुछ वर्गों के लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचेगा।

असल माइने में देखा जाए तो पाठ पुस्तक का काम है लोगों को जोड़ के रखना, न की किसी भी वजह से किसी धर्म या जाति को लोगों में अपमानजनक भावनाओं केउत्तेजित करना, साथ ही कक्षा 6 के छात्रों की नाजुक उम्र में ऐसे किसी भी कंटेंट को पठना या पठाना सही नहीं है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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