साल 2018 में शुरू हुए मी टू मुहिम में कई महिलाओं ने ख़ुद के साथ हुए यौन शोषण के बारे में खुलकर बताया था. इसी दौरान वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री एम. जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ख़ारिज कर दिया था और उन्होंने रमानी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था. तब अकबर को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था.
इस मानहानि के केस में बुधवार को दिल्ली की एक अदालत फ़ैसला सुनाएगी. रमानी नेवोग इंडिया के लिए ‘टू द हार्वी वाइन्सटीन ऑफ़ द वर्ल्ड’ नाम से लिखे अपने लेख को री-ट्वीट करते हुए ऑफिस में उत्पीड़न की बात कही थी.