अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की नर्स यूनियन हड़ताल पर चली गई है। नर्स यूनियन ने यह कदम अपनी मांग पूरी न होने के चलते उठाया है। उनका कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन होना चाहिए।
एम्स नर्स यूनियन के हड़ताल पर जाने के बाद एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि उन्हें गर्व है संस्थान ने इस साल कोविड महामारी के दौरान पूरी मेहनत से काम किया। लेकिन यह दुखद है कि इस मुश्किल वक्त में नर्स यूनियन हड़ताल पर चला गया है।
उन्होंने कहा हम उम्मीद करते हैं कि जैसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने कहा था कि सच्चे नर्स कभी अपने मरीजों को नहीं छोड़ते वैसे ही एम्स के सच्चे नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे। नर्सों की मुख्यतः 23 मांगें हैं जो सरकार और एम्स प्रशासन ने मान ली गई हैं। इसमें उनकी एक प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है। हम उनके साथ इसके लिए कई बैठकें कर चुके हैं। उन्हें सिर्फ एम्स प्रशासन ही नहीं सरकार भी समझा चुकी है कि उनकी सैलरी बढ़ाने की मांग पर विचार किया जाएगा। इसके बावजूद महामारी के समय में वेतन बढ़ाने की बात करना अनुचित है। रणदीप गुलेरिया ने नर्सों से अपील की कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें और महामारी से लड़ने में हमारी मदद करें।