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Sunday, August 3, 2025

एक्टर नसीरुद्दीन शाह -लव जिहाद का टर्म इसलिए उछाली गई ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी बनी रहे

एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने ‘लव जिहाद’ को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह टर्म इसलिए उछाली गई है ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी बनी रहे। यही नहीं अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताते हुए नसीर ने कहा कि रत्ना पाठक से शादी से पहले मेरी मां ने पूछा था कि क्या शादी के बाद वह धर्म परिवर्तन कर लेगी। उन्होंने कहा कि मैंने मां के इस सवाल का जवाब ‘न’ में दिया था। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मैंने हमेशा यह समझा कि एक हिंदू महिला से मेरी शादी समाज में उदाहरण होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में पढ़ाया है। लेकिन हमने उनसे कभी यह नहीं कहा कि वह किसी एक धर्म को फॉलो करें। मेरा हमेशा मानना रहा है कि ये मतभेद धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे।’

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसी बातें राजनीति की देन हैं। नसीर ने कहा, ‘मेरी मां अशिक्षित थीं। उन्होंने मुझे परंपरागत माहौल में ही बड़ा किया। दिन में 5 बार नमाज होती थी। हर बार पूरे रोजे रखे जाते थे और हज की यात्राएं होती थीं।’ लेकिन शादी के बाद उन्होंने मुझसे कहा था, ‘तुम्हें बचपन में जो चीजें सिखाई गई थीं, वह आखिर बदल कैसे सकती हैं? किसी का धर्म परिवर्तन कराना सही नहीं है।’ कारवां-ए-मोहब्बत नाम के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मैं इस बात से बेहद परेशान हूं जिस तरह से समाज में खाई पैदा की जा रही है। जैसे यूपी में लव जिहाद का तमाशा चल रहा है। इस शब्द को उछालने वाले लोग जिहाद शब्द का अर्थ तक नहीं जानते।’

मुस्लिमों की बढ़ती आबादी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि कोई इतना बेवकूफ होगा कि वह इस बात पर यकीन करे कि भारत में मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी। इसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।’ बता दें कि बीते साल नवंबर में ही यूपी में लव जिहाद को लेकर एक कानून को मंजूरी दी गई है। इसमें जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़े प्रावधान तय किए गए हैं। इसके बाद हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी ऐसे एक कानून की ओर कदम बढ़ाए हैं। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘लव जिहाद’ टर्म इसलिए उछाली जा रही है ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच खाई बनी रहे। अंतरधार्मिक विवाह न होने पाएं।

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि युवा प्रेमी जोड़ों के लव जिहाद के नाम पर उत्पीड़न से वह बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि यह वह दुनिया नहीं है, जिसका हमने सपना देखा था। 2018 में दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि कई जगहों पर गाय की मौत को इंसान की मौत से ज्यादा अहमियत दी जा रही है। यही नहीं नसीरुद्दीन ने अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि आखिर मेरे बच्चों का क्या होगा, जिन्हें मैंने किसी विशेष धर्म की शिक्षा ही नहीं दी है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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