केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को उत्पादन से जुड़ी इंसेंटिव योजना को फार्मास्यूटिकल्स उद्योग और आईटी हार्डवेयर उत्पादों के लिए मंजूरी दे दी। इस संबंध में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में इस योजना के शानदार परिणाम दिखेंगे।
कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर उत्पादों (लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर) के लिए भी पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी। इसमें भारत में इन वस्तुओं के उत्पादन के लिए चार साल तक 7,350 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके तहत चार साल में 3.26 लाख करोड़ का उत्पादन और 2.45 लाख करोड़ के निर्यात का अनुमान है
प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट ने पीएलआई योजना को फार्मास्यूटिकल्स के लिए वित्त वर्ष 2020-21 से 2028-29 के लिए अनुमति दे दी है।यह अधिक कीमत के उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने और निर्यात बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 23 फीसदी है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में जब कोविड-19 वैश्विक महामारी तेजी से फैल रही थी, तब मोबाइल फोन और उनके उपकरणों के लिए उत्पादन से जुड़ी इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत 35 हजार करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि इससे 22,500 रोजगार उत्पन्न हुए और करीब 1300 निवेश आए।
प्रसाद ने कहा कि हमें भरोसा है कि पीएलआई के तहत अगले पांच साल में 10 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होगा और करीब आठ से नौ लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके उत्पन्न होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य दुनिया के बेहतरीन उत्पादकों को भारत के पास लाना और भारतीय उत्पादकों को राष्ट्रीय चैंपियन बनाना है।