लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट से लगे झटके के बाद अब नए सिरे से पंचायत चुनावों को लेकर आरक्षण सूची बनाने पर मंथन शुरू कर दिया है। बुधवार को राज्य सरकार ने नई आरक्षण सूची को लेकर जिलों के डीएम को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देशों के मुताबिक, अब पंचायत चुनाव में आरक्षण का आधार वर्ष 2015 मानकर आरक्षण सूची जारी की जाएगी।22 मार्च तक जारी होगी पहली आरक्षण लिस्ट, 26 मार्च को फाइनल लिस्टजिलाधिकारियों को 19 मार्च तक ग्राम प्रधान, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत के आरक्षण से जुड़े प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद 20 से 22 मार्च के बीच इस प्रस्तावित सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 23 मार्च तक उम्मीदवार अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। 26 मार्च तक सभी आपत्तियों को निस्तारित कर अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।
4 चरणों में कराए जाएंगे चुनाव
इससे पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य में पंचायत चुनाव 4 चरणों में कराए जाएंगे। हर मंडल में एक चरण में एक ही जिले में चुनाव कराया जाएगा। आयोग के मुताबिक, अगर किसी मंडल में जिलों की संख्या 4 से ज्यादा है तो वहां पर किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे।
सभी पदों के लिए एक ही मतपेटी
आयोग ने इस बार सभी पदों के लिए मतपत्र एक ही मतपेटी में डालने का फैसला लिया है। यानी एक ही मतपेटी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा। एक मतपेटी भरने के बाद दूसरी मतपेटी का इस्तेमाल किया जाएगा। तीसरी मतपेटी की आवश्यकता पड़ने पर पीठासीन अधिकारी संबंधित सेक्टर मैजिस्ट्रेट को सूचित करेंगे। जिसके बाद संबंधित सेक्टर मैजिस्ट्रेट तीसरी मतपेटी उपलब्ध कराएंगे।