नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025, बुधवार। उच्चतम न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सत्यापन और संबंधित प्रक्रियाओं पर उसके फैसले का कड़ाई से अनुपालन कराने के अनुरोध वाली एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की याचिका पर सुनवाई 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।
यह मामला एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स नामक एनजीओ द्वारा दायर किया गया था, जिसमें निर्वाचन आयोग को ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। बर्न्ट मेमोरी का मतलब प्रोग्रामिंग चरण पूरा होने के बाद मेमोरी को स्थायी रूप से लॉक कर देना होता है, जिससे उसमें दर्ज डेटा से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि पहले इसी तरह का मामला दायर किया गया था, लेकिन तब वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी ने कहा था कि वह इसे वापस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होना चाहिए और स्पष्टीकरण होना चाहिए।
वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एडीआर का इस याचिका से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत से रिकॉर्ड मंगवाएं। पीठ ने रजिस्ट्री से पहले के मामले के रिकॉर्ड पेश करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई 11 फरवरी तक स्थगित करते हुए कहा कि करण सिंह दलाल (मामले) के अदालती रिकॉर्ड भी अदालत को दिए जाएंगे। एनजीओ ने पिछले साल 23 दिसंबर को एक याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग को फैसले का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की थी।