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Monday, July 8, 2024

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा – किसी कर्मचारी को समलैंगिकता को आधार बनाकर सेवा से हटाना अनुचित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि किसी कर्मचारी को समलैंगिकता को आधार बनाकर सेवा से हटाना अनुचित है। कोर्ट ने कहा कि यह नवतेज ‌सिंह जौहर के केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत है। साथ ही स्पष्ट किया कि समलैंगिकता किसी व्यक्ति का निजी मामला है और यह उसके निजता के अधिकार के तहत आता है। 

इसी के साथ कोर्ट ने बुलंदशहर में तैनात होमगार्ड को सेवा से हटाने का आदेश रद्द कर दिया है और होमगार्ड विभाग के कमाडेंट जनरल को याची को तत्काल सेवा में वापस लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने उस होमगार्ड की याचिका पर दिया है।

याची को जिला कमाडेंट होमगार्ड ने 11 जून 2019 के आदेश से सेवा से हटा दिया था। यह कार्रवाई याची का अपने साथी के साथ एक वीडियो वायरल होने के बाद की गई। कोर्ट ने इस मामले में जिला कमाडेंट होमगार्ड की ओर से कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा गया कि होमगार्ड के अनैतिक लैंगिक क्रियाकलापों के कारण उसे सेवा से हटाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि यह आदेश नवतेज के केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई गाइडलाइन का उल्लंघन करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति किसके साथ रहना चाहता है (समलिंगी या विपरीत लिंगी) यह उसका निजी मामला है। इसे अपराध समझने वाला कोई भी कार्य उस व्यक्ति की निजता में हस्तक्षेप करना होगा। कोर्ट ने कहा कि समलिंगी या गे समाज के लोगों द्वारा एक-दूसरे के प्रति सार्वजनिक लगाव का प्रदर्शन करना अशोभनीयता की श्रेणी में नहीं आता और न ही इससे लोक शांति को कोई नुकसान होता है।

anita
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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