समाजवादी पार्टी युवजन सभा के औरैया इकाई अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव और 200 अन्य के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शनिवार को दर्ज मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है. पुलिस की ओर से 24 कारों को जब्त किया है और 34 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनपर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और जुलूस निकालने का आरोप है. हालांकि, मुख्य आरोपी धर्मेंद्र यादव अभी भी पकड़ में नहीं आया है पर जुलूस में शामिल उसकी कार को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
मामले में कथित लापरवाही करने पर संबंधित चौकी प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है.इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को औरैया जिले के समाजवादी पार्टी युवजन सभा के अध्यक्ष इटावा जेल से रिहा होने पर बडी संख्या मे गाड़ियों के काफिले के साथ जुलूस प्रदर्शन करते हुए कोविड नियमों के विरुद्ध हाइवे से औरैया गए.
उन्होंने बताया कि जुलूस का वायरल वीडियो संज्ञान में आने पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने धर्मेंद्र यादव सहित दो सौ लोगों के विरुद्ध कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था.
मुख्य आरोपी समेत शेष लोगों की पकड़ने का प्रयास जारीउन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तारी के लिए औरैया और जालौन पुलिस की मदद ली गई. साथ ही पुलिस की आठ टीम गठित करके रविवार को 34 लोगों को हिरासत में लिया गया और उनकी 24 कारें जब्त की गईं. एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी समेत शेष लोगों की पकड़ने के लिए पुलिस टीमें प्रयासरत हैं. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को जुलूस प्रदर्शन के मामले मे लापरवाही बरतने पर जेल पुलिस चौकी प्रभारी भानुप्रताप को निलम्बित कर दिया गया है.
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा शासनकाल में किसानों को ‘गहरी चोट’ पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोशित किसानों की एकता भाजपा के दंभ को चकनाचूर कर देगी. अखिलेश ने कहा, ”भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में सबसे ज्यादा हालत किसान की ही खराब हुई है. आर्थिक रूप से उस पर बहुत चोट हुई है. एक साल पहले काले कृषि कानूनों से भाजपा ने जो काली बुनियाद रखी उससे पूरी कृषि अर्थव्यवस्था ही चौपट हो गई. इसके विरोध में किसानों का बड़ा आंदोलन जारी है