आज 4 नवंबर गुरुवार यानि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दीपवाली का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। भक्त लोग मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी से शांति, तरक्की और समृद्धि का वरदान मांगते हैं। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भक्त तन-मन-धन से पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तो पर कृपा बरसाती हैं। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणपति एवं ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान बहुत शुभता प्रदान करते हैं। दिवाली के दिन पूजा शुभ मुहूर्त और विधिवत रूप से ही करनी चाहिए। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए पूजन सामग्री लिस्ट पहले से तैयार कर लें। इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 घंटे 55 मिनट की अवधि के लिए रहेगा। ये शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक चलेगा।
आइए जानते हैं कि दिवाली पर किस तरह करना चाहिए मां लक्ष्मी का पूजन, क्या सामग्री है जरूरी और क्या है पूजा का विधान-
लकड़ी की चौकी
चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा
देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र
कुमकुम
चंदन
हल्दी
रोली
अक्षत
पान और सुपारी
साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ
अगरबत्ती
दीपक के लिए घी
पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक
कपास की बत्ती
पंचामृत
गंगाजल
पुष्प
फल
कलश
जल
आम के पत्ते
कपूर
कलाव
साबुत गेहूं के दाने
दूर्वा घास
जनेऊ
धूप
एक छोटी झाड़ू
दक्षिणा (नोट और सिक्के)
आरती थाली
- दिवाली की सफाई करने के बाद घर के हर कोने को साफ करने के बाद गंगाजल छिड़कें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें।
- कलश को अनाज के बीच में रखें।
- कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डाल दें।
- कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें।
- बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- एक छोटी थाली लें और चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें।
- इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें।
- अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। इसके साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं।
- अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं। इसके बाद पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें।
- अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें।
- हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को चढ़ा दें।
लक्ष्मीजी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। - इसे फिर से पानी से स्नान कराएं, एक साफ कपड़े से पोछें और वापस रख दें।
- मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें। माला को देवी के गले में लगाएं,अगरबत्ती जलाएं।
- नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
- देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें।
थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।इस तरह से पूजा करके आप माँ लक्समी को प्रसन्न कर सकते है।