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Sunday, August 10, 2025

असम में बंद नहीं होंगे संस्कृत विद्यालय – शिक्षा मंत्री

असम में संस्कृत विद्यालयों (संस्कृत टोल) को बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें नलबाड़ी में स्थित कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सोमवार को असम में राज्य सरकार द्वारा संस्कृत विद्यालयों को बंद करने संबंधी पूछे गये एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि ‘शिक्षा’ संविधान की समवर्ती सूची में है। संस्कृत पाठशालाओं (टोल्स) की योजना पूरी तरह से असम राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। राज्य में मौजूदा समय में ऐसे 101 संस्कृत विद्यालय हैं।

कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाएगा
लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य ने सूचित किया है कि उसने प्रमाण-पत्र, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य की प्रांतीय संस्कृत पाठशालाओं को एक अप्रैल 2022 से कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय, नलबाड़ी के तहत अध्ययन केंद्रों में परिवर्तित करने का नीतिगत निर्णय लिया है। ताकि संस्कृत शिक्षण एवं भारत के साथ-साथ असम के अन्य प्राचीन साहित्य का व्यापक रूप से शिक्षण का विस्तार किया जा सके।

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि असम सरकार ने आगे सूचित किया है कि वर्तमान में प्रांतीय संस्कृत पाठशालाओं में काम कर रहे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की वरीयता, वेतन और भत्ते, सेवा नियम, सेवा शर्तें इत्यादि वही रहेंगी।असम में बंद नहीं होंगे संस्कृत विद्यालय – शिक्षा मंत्री असम में संस्कृत विद्यालयों (संस्कृत टोल) को बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें नलबाड़ी में स्थित कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सोमवार को असम में राज्य सरकार द्वारा संस्कृत विद्यालयों को बंद करने संबंधी पूछे गये एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि ‘शिक्षा’ संविधान की समवर्ती सूची में है। संस्कृत पाठशालाओं (टोल्स) की योजना पूरी तरह से असम राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। राज्य में मौजूदा समय में ऐसे 101 संस्कृत विद्यालय हैं।

कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाएगा लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य ने सूचित किया है कि उसने प्रमाण-पत्र, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य की प्रांतीय संस्कृत पाठशालाओं को एक अप्रैल 2022 से कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय, नलबाड़ी के तहत अध्ययन केंद्रों में परिवर्तित करने का नीतिगत निर्णय लिया है। ताकि संस्कृत शिक्षण एवं भारत के साथ-साथ असम के अन्य प्राचीन साहित्य का व्यापक रूप से शिक्षण का विस्तार किया जा सके।

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि असम सरकार ने आगे सूचित किया है कि वर्तमान में प्रांतीय संस्कृत पाठशालाओं में काम कर रहे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की वरीयता, वेतन और भत्ते, सेवा नियम, सेवा शर्तें इत्यादि वही रहेंगी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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