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Sunday, December 22, 2024

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के दौरे के दौरान खालिद ने रची दिल्ली हिंसा की साजिश : पुलिस

दिल्ली पुलिस ने अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र में कहा है कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने इस साल फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली हिंसा को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सोमवार को पूरक आरोपपत्र पर विचार करने के लिए मंगलवार की तारीख तय कर दी। अदालत मंगलवार को पूरक आरोपपत्र की कॉपी आरोपियों को देने और संज्ञान लेने के बारे में सुनवाई करेगी। अदालत में दिल्ली पुलिस ने रविवार को हिंसा की साजिश रचने के आरोप में खालिद के अलावा जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।

आरोपपत्र में कहा गया है कि खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वापस लौटा। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि खालिद ने अन्य आरोपियों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी। पुलिस ने अदालत को बताया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक सोची समझी साजिश थी जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस ने अदालत को बताया है कि खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस साजिश में कई घरों में आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। उसने आरोप लगाया कि सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। अदालत में दाखिल आरोपपत्र के अनुसार खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ आतंकवादी निरोधक कानून ‘गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न धाराओं में तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया।

आरोपियों पर दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। खालिद और इमाम फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं जबकि खान को उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

दिल्ली पुलिस ने सितंबर में दाखिल मुख्य आरोपपत्र में पिंजरा तोड़ की सदस्यों तथा जेएनयू की छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ दायर किया गया था। इसके अलावा आरोपपत्र में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफाउर्रहमान, आप के निलंबित विधायक ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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