ह्यूस्टन. दुनिया के शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर भारत में निर्मित कोविड-19 के टीके (Covid-19 Vaccine) ने दुनिया को खतरनाक महामारी से बचाया है और देश के योगदान को कमतर नहीं समझा जाना चाहिए. यह बात अमेरिका के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कही. महामारी के दौरान दवा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव एवं ज्ञान के कारण भारत को ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ कहा गया.
दुनिया में सबसे बड़ा दवा निर्माता देश भारत है और ज्यादा संख्या में देशों ने कोरोना वायरस का टीका खरीदने के लिए इससे संपर्क किया है.
भारत ने दिया वायरस से लड़ने का तोहफा
वेबिनार ”कोविड-19 : वैक्सीनेशन एंड पोटेंशियल रिटर्न टू नॉर्मल्सी – इफ एंड व्हेन” में डॉ. होटेज ने कहा कि कोविड-19 के टीके का विकास वायरस से लड़ने में दुनिया को ”भारत का तोहफा” है.पहले अमेरिका ने बताया था सच्चा मित्र
इससे पहले अमेरिका ने भारत की तारीफ करते हुए सच्चा दोस्त बताया था. अमेरिका ने कहा था कि वह वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए अपने दवा क्षेत्र का उपयोग कर रहा है. बता दें कि भारत ने कोविड-19 टीकों की खेप भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यामांर, मॉरीशस और सेशेल्स को मदद के रूप में भेज चुका है. सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को को ये टीके व्यावसायिक आपूर्ति के रूप में भेजे जा रहे हैं.
भारत को कहा जाता है दुनिया की फार्मेसी
उल्लेखनीय है कि भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है. विश्व भर में बनने वाले टीकों में से 60 फीसदी भारत में बनते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि कोरोना वायरस संकट से लड़ाई के लिए तथा पूरी मानवता की भलाई के लिए भारत की टीका उत्पादन एवं विरतण क्षमता का उपयोग किया जाएगा.