उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी चल रही है। राज्य उपमुख्यमंत्री डॉ. सीएन आश्वत्त नारायण ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लव जिहाद और गोहत्या के खिलाफ बिल लाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि कई राज्य पहले ही इससे संबंधित बिल ला चुके हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और लव जिहाद के खिलाफ बिल लाने की तैयारी कर रही है और इसकी प्रक्रिया जारी है।
गौरतलब है कि अक्तूबर में बल्लभगढ़ में 21 साल की कॉलेज छात्रा की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद से लव जिहाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन की जांच करने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
मध्यप्रदेशमेंदोयाअधिकलोगोंकाधर्मपरिवर्तनकरानेपर 10 सालतककीसजा
वहीं, शिवराज सरकार धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम में सख्त प्रावधान करने जा रही है। सरकार ने इसमें एक और प्रावधान जोड़ दिया है, जिसके तहत दो या इससे अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के दोषियों को 5 से 10 साल तक की सजा और 1 लाख का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
प्रस्तावित बिल को लेकर शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें बिल के प्रावधानों को लेकर मंथन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष कम से कम एक महीने पहले इस बात की घोषणा करनी होगी।
माता-पिता की शिकायत पर हो जाएगा केस दर्ज
प्रस्तावित बिल में प्रावधान है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है, तो पीड़ित के माता-पिता या सगे संबंधी भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। ऐसी शिकायत पर पुलिस आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करेगी। ऐसे मामले में अपराध गैर जमानती होगा।
एसआई रैंक से नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा जांच
कानून का सख्ती से पालन कराने और जांच सही तरीके से किए जाने के लिए बिल में प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामलों की जांच सब इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के पुलिस अधिकारी नहीं करेंगे।