कोविड-19 महामारी के दौरान आयुष मंत्रालय की पहल पर आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी को जमकर बढ़ावा दिया गया। खास बात यह है कि इस दौरान आयुर्वेद के अणु तेल समेत कई आयुर्वेदिक औषधियों की क्लीनिकल स्टडी की गई, जिसमें 5 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य डॉ. राजेश कोटेचा ने बताया कि कोरोना के दौरान देश भर में 130 से अधिक स्थानों पर आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी, आयुष की सभी विधाओं को मिलाकर करीब 114 अलग-अलग प्रकार के अध्ययन हुए। ये अध्ययन देश में लगभग 5 लाख लोगों पर हुए, उनमें कई पूरे भी हो गए हैं और प्रकाशन की स्टेज (stage) पर हैं। अध्ययन में पाया गया कि जिन्होंने पहले से दवाइयां लीं, उन्हें कोविड हुआ तो संक्रमण कम पाया गया, जिन्हें संक्रमण हुआ, उन्होंने सामान्य इलाज के साथ आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन किया तो जल्दी ठीक हुए, ऐसे कई नतीजे सामने आये हैं।
अणु तेल पर खास तौर से उन्होंने बताया कि यह बात क्लीनिकल स्टडी में सिद्ध है कि अणु तेल नाक से होने वाले इंफेक्शन से बचाता है। अणु तेल ही नहीं, बल्कि देशी घी या तिल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं। यह स्टडी तो अब हुई है, लेकिन सदियों पुराने अनुभव के आधार पर चिकित्सक इसकी सलह वर्षों से देते आ रहे हैं।
क्या काढ़ा पीने के क्या फायदे हैं?
डॉ. कोटेचा ने कहा कि आयुष मंत्रालय द्वारा लॉन्च आयुष संजीवनी ऐप का इस्तेमाल देश भर में लोग कर रहे हैं। हमारे पास 1 करोड़ 47 लाख लोगों का डाटा (data) आया, जिसमें लोगों ने बताया कि उन्होंने किसी न किसी रूप में आयुर्वेदिक चीजों का सेवन किया, जिसमें अधिकांश लोगों ने काढ़े का नाम लिया। काढ़े में मौजूद तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ, आदि में एंटीवायरल गुण होते हैं। एक प्री-क्लीनिकल स्टडी में तुलसी की तुलना रेमडेसिवीर से की गई, तो इसमें तो कोविड-19 से लड़ने में सक्षम एंटीवायरल तत्व पाये गए। इसलिए मैं सभी से अपील करूंगा कि तुलसी और काढ़ा का सेवन करते रहें।
काढ़े में अन्य चीजें मत मिलायें
डॉ. कोटेचा ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने कई माध्यमों से काढ़ा में प्रयोग होने वाली चीजों का सही अनुपात बताया। लोगों ने उसको अपनाया भी, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपने मन से उसमें अलग-अलग चीजें मिलाने लगे। वो नुकसान कर गया। अगर सामान्य काढ़ा दिन में तीन-चार बार भी पियेंगे तो वो थोड़ा गर्म करेगा, लेकिन नुकसान नहीं करेगा। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के अपने आप से कुछ भी मिलाकर काढ़ा बनायेंगे तो उसका सेवन करने से परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।