अपने तीन दिवसीय पूर्वांचल दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोनभद्र पहुंचे। सोनभद्र में बभनी के कारीडांड़ चक चपकी स्थित सेवाकुंज आश्रम में आयोजित वनवासी समागम में राष्ट्रपति ने भाग लिया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की आत्मा, ग्रामीण और वनवासी अंचलों में बसती है। यदि कोई भी भारत की जड़ों से परिचित होना चाहता है, तो उसे सोनभद्र जैसे स्थान में कुछ समय बिताना चाहिए। वनवासी समुदाय के विकास के बिना देश के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। सही मायनों में, आप सबके विकास के बिना देश का विकास अधूरा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश भर के हमारे आदिवासी बेटे-बेटियां खेल-कूद, कला, और टेक्नॉलॉजी सहित अनेक क्षेत्रों में अपने परिश्रम और प्रतिभा के बल पर देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि आधुनिक विकास में आप सभी वनवासी भाई-बहन भी भागीदारी करें। इसके साथ ही आपकी सांस्कृतिक विरासत और पहचान भी संरक्षित और मजबूत बनी रहे। आज यहां आकर मेरा यह विश्वास और दृढ़ हुआ है कि सनातन काल से चली आ रही हमारी संस्कृति के मूल तत्व हमारे जनजातीय और वनवासी भाई-बहनों के हाथों में सुरक्षित हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे वनवासी भाई-बहनों का जीवन, प्रगति और परंपरा के समन्वय की मिसाल बनेगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सोनभद्र के बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। इस मौके पर राष्ट्रपति ने सेवाकुंज आश्रम में बने दो छात्रावास और एक इंटर कॉलेज के भवन का उद्घाटन किया। वनवासी समागम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परिवार सहित शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने अपना संबोधन भोजपुरी में शुरू किया। उन्होंने कहा कि यदि गांवों को जानना है तो सोनभद्र आना होगा। उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए जरूरी है कि वनवासी समाज का उत्थान हो।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आदिवासी कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंच उपलब्ध कराने का आग्रह किया। जिससे विश्व के फलक पर आदिवासी कला को पहचान मिल सके। उन्होंने वनवासी बच्चों के भविष्य को लेकर कहा कि आने वाले समय में मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सोनभद्र में ही वनवासी बच्चों के लिए मेडिकल पढ़ाई की सुविधा जल्द मिलेगी। इससे पहले राष्ट्रपति ने आश्रम में बने दो छात्रावास और इंटर कॉलेज के भवन का उद्घाटन किया। वहीं आदिवासी कर्मा नृत्य से मंच पर बैठे मेहमानों को कलाकारों ने स्वागत किया। सेवा समर्पण संस्थान के पदाधिकारियों से आश्रम में बने कुटिया में राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने मुलाकात की।