केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया। इस बजट में लगभग हर क्षेत्र को राहत दे गई, लेकिन कोरोना के चलते आर्थिक समस्या से जूझ रही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को निराशा हाथ लगी, जो सरकार के बड़ी रकम के रूप में टैक्स देने का काम करती है। अब इस पर सेंट्रल बॉर्ड और फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पहलाज निहलानी का मानना है कि बजट भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, लेकिन इसमें फिल्म इंटस्ट्री को लेकर कुछ भी नहीं है। पिंकविला के अनुसार पहलाज निहलानी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान उद्योग को भारी नुकसान हुआ है और मुझे लगता है कि फिल्म इडंस्ट्री पर लगाई गई GST अगले तीन वर्षों के लिए पूरी तरह से माफ कर दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा, एग्जिबिशन सेक्टर और बिजली बिलों को माफ करने की आवश्यकता है। निहलानी ने आगे कहा कि जब तक इंडस्ट्री अपनी सामान्य अवस्था में नहीं आ जाती तब तक फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का प्रॉपर्टी टैक्स भी माफ कर देना चाहिए।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री को भी लगता है कि बजट में फिल्म इंडस्ट्री को कुछ नहीं मिला है। साउथ फिल्म चेम्बर ऑफ कॉमर्स के एल सुरेश ने कहा, ”इंडस्ट्री से जुड़े जीएसटी टैक्स एक जैसे नहीं है। अगर कॉपीराइट बिक्री पर 18 फीसदी जीएसटी है तो किसी अन्य सौदे में 12 फीसदी जीएसटी लगती है। हमने इसे एक समान करने के लिए जीएसटी काउंसिल को लेटर लिखा है।”