केंद्र सरकार ने चीन बॉर्डर से जोड़ने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की चौड़ाई कम से कम 10 मीटर करने का फैसला लिया है। बॉर्डर तक पहुंचाने वाले सभी दो लेन वाले राष्ट्रीय रामजार्गों (फीडर रोड) को भी 10 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से जम्मू, कश्मीर, लेह-लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्कम सहित दूसरे पहाड़ी क्षेत्रों की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शामिल हैं। वर्तमान में बॉर्डर तक पहुंचने वाले दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 5.5 मीटर चौड़े बनाए जा रहे हैं।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को पर्वतीय क्षेत्रों विशेषकर चीन बॉर्डर के दो लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई के मानक बदल दिए हैं। इसके साथ ही सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), एनएचएआई, एनएचएआईडीसी, पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियरों व राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भी जारी कर दिया है।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों की चौड़ाई यातायात के दबाव के अनुसार तय की जाती है। वाहनों की संख्या कम होने पर दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर चौड़ी कर दी जाती है।
इस बाबत मार्च 2018 में नए मानक संबंधी आदेश जारी कर दिए गए थे लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इस पर एतराज जताया है। उसका कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र में कम चौड़ी सड़कों पर भारी सैन्य वाहनों, रसद सामग्री वाले वाहन व टैंक के चलाने में दिक्कत है। तीव्र मोड़ पर उक्त वाहनों को बहुत धीमी गति पर चलाना पड़ता है। इसलिए पहाड़ी क्षेत्रों विशेषकर चीन बॉर्डर तक पहुंचने वाले फीडर राजमार्गों की चौड़ाई अधिक होनी चाहिए।
सड़क के दोनों ओर 1.5-1.5 मीटर के पेश शोल्डर:
अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के सुझाव के बाद दो लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई 10 मीटर कर दी गई है। इसमें सात मीटर चौड़ी सड़क व सड़क के दोनों ओर 1.5-1.5 मीटर के पेश शोल्डर बनाए जाएंगे। राजमार्ग में पेश शोल्डर साइकिल, बाइक, रिक्शा आदि के लिए बनाए जाते हैं।