ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि गोपनीय कानूनी मसले के समाधान तक विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता और वह जल्द मुद्दे के समाधान का प्रयास कर रहा है। मई में भगोड़ा कारोबारी माल्या धन शोधन और धोखाधड़ी के मामलों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपनी अपील हार गया था।
ब्रिटेन की कार्यवाहक उच्चायुक्त जेन थॉम्पसन ने कहा, आगे इसमें कानूनी मुद्दे हैं और इसे सुलझाने की जरूरत है। इसके बाद ही हम माल्या को प्रत्यर्पित करने की स्थिति में होंगे। इसलिए अभी इस पर ठोस तरीके से कुछ बता पाना कठिन है। वह ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवालों के जवाब दे रही थीं।
थॉम्पसन ने कहा, संबंधित कानूनी मुद्दे के समाधान तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता। यह गोपनीय मुद्दा है। मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकती हूं। यह भी अंदाजा नहीं है कि कब तक यह सुलझ जाएगा। हम जल्द से जल्द इसे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या की अपील खारिज होने के बाद भारत उसके प्रत्यर्पण पर जोर दे रहा है। भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में अपील खारिज होने के पहले अप्रैल में उच्च न्यायालय में भी उसकी अपील खारिज हो गयी थी।
भारत ने जून में ब्रिटेन से अनुरोध किया था कि वह माल्या के शरण के आग्रह पर विचार नहीं करे। माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में है और 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) द्वारा प्रत्यर्पण वारंट की तामील किए जाने के बाद से वह जमानत पर है।