भारतीय वायु सेना कमांडरों का सम्मेलन 2021 जिसका विषय ‘रीओरिएंटिंग फॉर द फ्यूचर’ था, दिनांक 16 अप्रैल, 21 को वायुसेना मुख्यालय में संपन्न हुआ । इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया ।
वायुसेना की सात कमानों के एयर ऑफिसर्स कमांडिंग-इन-चीफ और वायुसेना मुख्यालय से प्रमुख लोगों ने सम्मेलन में भाग लिया । सम्मेलन को दिनांक 15 अप्रैल, 21 को माननीय रक्षा मंत्री ने संबोधित किया था । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), नौसेना प्रमुख (सीएनएस) और सेना प्रमुख (सीओएएस) ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया और संयुक्त योजना और सेवा क्षमताओं के एकीकरण के माध्यम से भविष्य में युद्ध लड़ने के विषयों पर कमांडरों के साथ बातचीत की ।
संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों को लागू करने के लिए कार्यों और अनुवर्ती योजनाओं पर प्रतिभागियों द्वारा चर्चा की गई । अन्य प्रमुख विषयों में खतरे वाले सभी क्षेत्रों में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना का पुनर्विन्यास और भविष्य में वायुसेना में शामिल होने वाले हथियारों एवं अन्य साजोसामान के प्रभावी उपयोग के लिए रोडमैप तैयार करना शामिल है । वायु रक्षा और संयुक्त कमान संरचनाओं के सामरिक दर्शन और संगठनात्मक पहलुओं की रूपरेखा पर भी सम्मेलन में चर्चा की गई ।
कमांडरों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कृत्रिम बुद्धिमता और 5जी जैसी नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने, साइबर और अंतरिक्ष डोमेन के उपयोग में वृद्धि और सिद्धांतों, रणनीति और प्रक्रियाओं को निरंतर अद्यतन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने व्यापक मानव संसाधन सुधारों के माध्यम से जूनियर स्तर पर नेतृत्व के सशक्तिकरण और संगठनात्मक पुनर्गठन के ज़रिए दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षण प्रभावशीलता बढ़ाने के साथ-साथ एक स्केलेबल आकस्मिक प्रतिक्रिया मॉडल को अपनाने के लिए नवीन और कम लागत वाले समाधानों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला ।