विशेष संवाददाता
मुंबई। कांग्रेस विरोध पर बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना की नींव रखी थी। वही पार्टी आज काग्रेस के उस नेता के समर्थन मे चारण वाली भूमिका मे खड़ी नजर आ रही है जिसे स्वयं उसके देश मे लोग पप्पू के नाम से बुलाते है। इसका ताजा नमूना देखने को मिला जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब में राहुल गांधी को कम योग्य और नर्वस बताया जाना शिवसेना को नागवार गुजरा। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ओबामा की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी यह टिप्पणी अरूचिकर थी।
संजय राउत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर सवाल उठाते हुए कहा है, ‘एक विदेशी राजनेता भारतीय राजनेताओं पर इस तरह की राय नहीं दे सकता , क्योंकि बाद में इस पर घरेलू राजनीतिक विमर्श अरुचिकर है। हमने यह नहीं कहा कि ट्रंप पागल है। ऐसे में ओबामा कैसे इस देश के बारे में जानते हैं?’
पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख छपा था, जिसमें उनकी किताब ए प्रोमिस्ड लैंड के कुछ अंश थे. पुस्तक समीक्षा में दुनियाभर के नेताओं के बारे में जो चीजें कही गई उसे उसने हाइलाइट किया है। घ
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने राहुल को नर्वस बताते हुए लिखा, “राहुल उस स्टूडेंट की तरह हैं, जो टीचर को इम्प्रेस करने के लिए तो उत्सुक (ईगर) हैं, लेकिन सब्जेक्ट के मास्टर होने के मामले में योग्यता या जुनून की कमी है. यह राहुल की कमजोरी है।”
वहीं, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए बराक ओबामा ने उन्हें भावशून्य ईमानदार नेता बताया है। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल वाली UPA सरकार के समय नवंबर 2009 में ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल भारत दौरे पर आए थे, तब मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरुशरण कौर ने ओबामा परिवार के लिए डिनर भी रखा था।