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Monday, June 30, 2025

मिशन गगनयान: 4 ​​अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में प्रशिक्षण पूरा, अब ​गगनयान मॉड्यूल की दी जाएगी ट्रेनिंग

भारत के पहले मानव मिशन गगनयान की तैयारी काफी तेजी से की जा रही है। इसी क्रम में अंतरिक्ष ​​मानव मिशन​ ‘​​​गगनयान​’​ के तहत अंतरिक्ष में जाने के लिए ​वायुसेना के चार ​पायलटों ने रूस में एक साल का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है​।​​ ​इनमें ​भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन और तीन विंग कमांडर हैं।​इस मिशन को देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लॉन्च किया जाएगा।​​​​​​​

अंतरिक्ष की परिस्थितियों के अनुसार ढलने की ट्रेनिंग ​​

भारतीय वायुसेना के इन चारों जांबाजों ​ने ​रूस की राजधानी मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है​​।​ ​इन चारों गगननॉट्स ​​को ​​ग्लवकॉसमॉस​ कंपनी ने ​​अंतरिक्ष की परिस्थितियों के अनुसार ढलने की ट्रेनिंग दी ​​है। शुरुआती ट्रेनिंग में​ इन्हें स्पेस ट्रैवल और स्पेसक्राफ्ट पर नियंत्रण की बेसिक क्लासेज ​दी गई हैं। इसके अलावा बेसिक रूसी भाषा का भी अध्ययन ​कराया गया ताकि आगे की ट्रेनिंग में दिक्कत न हो। ​प्रशिक्षण लेने गए सभी ​पायलटों की सेहत​ का ​भी ​बेहद अच्छे तरीके से ख्याल रखा ​गया​​​।​ रूस में पायलटों ने एस्ट्रो नेविगेशन, एक्स्ट्रा व्हीकुलर एक्टिविटी के साथ ही असामान्य बर्फीले, पानी और मैदानी स्थिति से निपटने के बारे में ट्रेनिंग ली​ है​। पायलटों ने ​वायु दबाव को संतुलित ​करने के साथ ही ​​​भरोसेमंद मॉड्यूल और ​​​गुरुत्वाकर्षण​ सहनशीलता​ ​में काम करना भी सीखा है।​​​ ​

गगनयान मॉड्यूल की दी जाएगी ट्रेनिंग

रूस में ​प्रशिक्षण लेने के बाद ​भारत लौटने पर मई या जून से इन चारों गगननॉट्स को बेंगलुरू में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मॉड्यूल को इसरो ने खुद बनाया है। इसमें किसी भी अन्य देश की मदद नहीं ली गई है। ​​​​​​भारत में ​इन्हें तीन तरह का प्रशिक्षण दिया जायेगा​। ​इनमें क्रू मॉड्यूल​, उड़ान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के सिम्युलेटर शामिल होंगे।​ इसके लिए एक ​विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया है। यह ​​ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ​इन्हें गगनयान के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन के तहत ​इसरो तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी​.​ ऊपर अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा कराएगा​​।​ ​​उस दौरान ये पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे।

आखिरी दौर में सिर्फ तीन पायलट चुने जाएंगे

केंद्र सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ​इसी महीने केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी थी कि इसरो के गगनयान प्रोजेक्ट के तहत इंसान को अंतरिक्ष में भेजे जाने के लिए काम किया जा रहा है।​ ​आखिरी दौर में सिर्फ तीन को चुना जाएगा, जिन्हें सात दिवसीय मिशन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा​​। ​रूस में प्रशिक्षण लेने वालों में भारतीय वायु सेना के पायलट निखिल रथ ​के अलावा तीन और अधिकारी हैं​।​​

2018 में ​स्वतंत्रता दिवस पर हुई थी मिशन गगनयान की घोषणा

गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम है। इसकी घोषणा ​2018 में ​स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ​नरेंद्र मोदी ने की थी।​ दस हजार करोड़ के बजट वाले इस मिशन पर इसरो और भारतीय वायुसेना मिलकर काम कर रहे हैं​​।​ वायुसेना ने अपने 25 पायलटों में से ​4 अंतरिक्ष​ यात्रियों का चयन करके इसरो को दिए​।​ ​इनकी ट्रेनिंग के लिए ​इसरो और ​​रूस की स्पेस कंपनी ग्लवकॉसमॉस के बीच जून​,​ 2019 में ​अनुबंध ​किया गया था। ​​इन भारतीय जांबाजों की ट्रेनिंग 10 फरवरी​, 2020 से शुरू हो गई थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ​​मार्च​, 2020 में इन लोगों को आइसोलेट कर दिया गया था। बाद में 12 मई ​से फिर प्रशिक्षण शुरू किया गया।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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