भारत में सोने की तस्करी हजारों किलोमीटर दूर दुबई से हो रही है। तस्करी के इस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट में भारत के साथ कई देशों के गिरोह शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका, स्वीटजरलैंड और आस्ट्रेलिया से सोना दुबई मंगाया जाता है। इसी सोने को अलग-अलग देशों के जरिए चोरी-छुपे भारत भेजा जा रहा है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में बैठे गिरोह दुबई के अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा बनकर लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं।
म्यंमार के मोरे बॉर्डर से आ रहा सोना
डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने पटना में एक से चार दिसंबर के बीच विदेशी सोने की तीन खेप पकड़ी है। इस दौरान चार करोड़ रुपए से ज्यादा का करीब पौने आठ किलोग्राम सोना बरामद किया गया। दिलचस्प है कि पकड़े गए तस्कर महाराष्ट्र के हैं। सूत्रों के मुताबिक सोने की दो खेप गुवाहाटी और इंफाल से तस्करों को मिली थी। वहीं, एक खेप में बरामद सोना तस्कर ने खुद भारत-म्यंमार के मोरे बॉर्डर पर अंदर जाकर लिया था। बाकी खेप में बरामद सोना भी म्यंमार के मोरे बॉर्डर से ही भारत लाया गया था।
पांच किलोमीटर तक जा सकते हैं म्यंमार में
भारत से म्यंमार के पांच किलोमीटर अंदर जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। सिर्फ पहचान पत्र होना चाहिए। इसे दिखाकर कोई भी म्यंमार के अंदर जा सकता है। वहां से खरीदारी कर लोग आराम से वापस आ जाते हैं। सोना की तस्करी से जुड़े गिरोह इसी का फायदा उठाते हैं। या तो म्यंमार में बैठे तस्कर भारत तक सोना की सप्लाई करते हैं या फिर यहीं के गिरोह म्यंमार से सोना लाते हैं।
दिल्ली, मुंबई व कोलकाता का सिंडिकेट
सोना तस्करी में पैसा लगानेवाले बड़े सिंडिकेट दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से जुड़े बताए जाते हैं। दुबई में बैठे तस्करों से इनके संपर्क हैं। जब जरूरत हुई ऑडर्र दे दिया जाता है। दुबई में मौजूद तस्करों तक पैसा हवाला रैकेट के जरिए पहुंचता है। भारत में मौजूद उसके नेटवर्क को उतना पैसा मिल जाता है, जितने का सोना मंगाना है। जानकार बताते हैं कि सोना तस्करी में बड़े पैमाने पर कालाधन (ब्लैकमनी) खपाया जाता है।
दुबई व थाईलैंड तस्करी का हवाई रुट
भारत में सोना की तस्करी हवाई, समुद्री और सड़क मार्ग से होती है। दुबई और थाइलैंड से हवाई मार्ग से सोना लाया जाता है। भारत में हवाई अड्डों पर बरामद होनेवाला अधिकांश सोना दुबई से ही आता है। वहीं, श्रीलंका से हवाई व समुद्री मार्ग के जरिए इसकी तस्करी होती है। नेपाल, बांग्लादेश और म्यंमार ऐसे देश हैं, जहां से सड़क मार्ग से सोना भारत आता है। हाल के वर्षों में म्यंमार तस्करों का पसंदीदा जगह बन गया है। दुबई से ज्यादतर सोना म्यंमार पहुंच रहा और वहां से असम एवं बिहार के रास्ते भारत में आगे जा रहा है।
करोड़ों रुपए का फायदा
सोना काफी कीमती है। इसका आयात सरकार द्वारा दिए गए लाइसेंस पर होता है। कस्टम ड्यूटी व अन्य शुल्क मिलाकर आयात पर करीब 25 प्रतिशत शुल्क देना पड़ता है। वहीं, लाइसेंस पर सफेद धन से ही आयात किया जाता सकता है। सिंडिकेट यदि सोने की तस्करी में कामयाब हो जाता है तो उसे लाखों-करोड़ों का फायदा होता है। हाल के दिनों में डीआरआई की कार्रवाई के बाद तस्करों के सिंडिकेट में खलबली मची है।