ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले साल के गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बन सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर को जॉनसन से फोन पर बातचीत करके उन्हें यह न्योता दिया है। पूरे मामले से जानकार लोगों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने अपनी ओर से अगले साल के जी-7 समिट के लिए पीएम मोदी को न्योता दिया।
गणतंत्र दिवस के मौके पर पिछली बार साल 1993 में कोई ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारत आया था। उस समय जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बने थे। हालांकि, नई दिल्ली इस मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार कर रही है, लेकिन राजनयिकों को लगता है कि पीएम मोदी की ओर से यह एक अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति है। अपने 27 नवंबर के ट्वीट में, पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने अगले दशक में भारत-ब्रिटेन संबंधों के महत्वाकांक्षी रोड-मैप को लेकर दोस्त और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ एक अच्छी बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, ”हम सभी क्षेत्रों में हमारे सहयोग में एक क्वांटम लीप के साथ- व्यापार, निवेश, डिफेंस और सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज और कोरोना वायरस को लेकर साथ काम करने पर सहमत हुए हैं।”ब्रिटेन में स्थित लोगों, जो इस मामले से परिचित हैं, ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत बहुत सकारात्मक थी, विशेष रूप से पीएम जॉनसन ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते की पेशकश की और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर सहयोग की चर्चा की।
दोनों नेताओं ने साझेदारी को और मजबूत करने और कोविड-19 के खिलाफ काम करने के तरीकों पर चर्चा की। जबकि यूके ग्रेट ब्रिटेन से ग्लोबल ब्रिटेन बनने का इच्छुक है, 1 जनवरी को ब्रेक्सिट लंदन पर गंभीर दबाव डालेगा क्योंकि यूरोपीय संघ के पास यूके के कुल व्यापार का 47% हिस्सा था। 43फीसदी ब्रिटेन निर्यात और 52% आयात करता है।
वहीं, भारत की नजर से देखें तो नई दिल्ली के लिए लंदन के साथ इंगेज करना काफी जरूरी है क्योंकि वह पी-5 का हिस्सा है। इसके अलावा, ब्रिटेन के पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मीरपुर में मजबूत पॉलिटिकल लॉबी है।