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Monday, August 4, 2025

भारत बायोटेक और सीरम के बीच तनाव खत्म

भारत में एक साथ दो-दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई। एक कोविशील्ड और दूसरी केवैक्सीन। देश के लिए तो यह खुशखबरी थी, लेकिन पहले इसपर राजनीति हुई। बाद में दोनों कंपनियों ने भी एक-दूसरे पर आरोप-पत्यारोप लगाए। भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को सीरम कंपनी के अदार पूनावाला द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से पानी तक करार दे दिया गया। इसपर बायोटेक ने भी पटलवार किया। हालांकि पूनावाला के लेटेस्ट ट्वीट से लग रहा है कि दोनों कंपनियों के बीच तरकार खत्म हो गए हैं। इसको लेकर ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया है।

पहले अदार पूनावाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं दो मामलों को स्पष्ट करना चाहूंगा; चूंकि लोगों में भ्रम की स्थिति है। सभी देशों को टीकों के निर्यात की अनुमति है। भारत बायोटेक के संबंध में किसी भी गलतफहमी को लेकर संयुक्त सार्वजनिक बयान दिया जाएगा।’

इससे पहले भारत बायोटक की वैक्सीन पर जारी घमासान के बीच कंपनी के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हम एक ग्लोबल कंपनी हैं और हमारे ऊपर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए कि हम क्लिनिकल अनुसंधान नहीं जानते। फर्म ने 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण किए हैं।

कृष्णा इल्ला ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी कंपनी का सुरक्षित और प्रभावी टीके के उत्पादन करने का एक रिकार्ड है और वह सभी आंकड़ों को लेकर पारदर्शी है। उन्होंने कहा, ‘हम न केवल भारत में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। उन्होंने कहा कई लोग सिर्फ भारतीय कंपनियों पर निशाना साधने के लिए अलग तरह से बातें कर रहे हैं। यह हमारे लिए सही नहीं है।’

पूनावाला ने क्या कहा था
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के अलावे अन्य टीकों को ‘पानी’ की तरह बताया था। इल्ला ने यह भी कहा कि भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से किसी भी तरह से कमतर नहीं है।

कांग्रेस नेताओं ने भी उठाए हैं सवाल
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्वदेशी वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सराहना की थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर ने तीसरे चरण के परीक्षणों के बिना इसके टीके को मंजूरी देने पर चिंता जताते हुए कहा था कि यह समय से पहले है और खतरनाक साबित हो सकता है।

सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक संयुक्त रूप से देश और दुनिया को कोरोना टीका देने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। बयान में कहा गया है, “वैक्सीन एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सामग्री है। इसमें लोगों की जिंदगी बचाने और जल्द से जल्द आर्थिक स्थिति को सामान्य करने की क्षमता है। अब जब भारत में जब कोरोना के टीके को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है। अब आबादी के हिसाब से इसके निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा और वितरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमारी दोनों कंपनियां इस गतिविधि में पूरी तरह से लगी हुई हैं। बड़े पैमाने पर देश और दुनिया के लिए टीका उपलब्ध कराने को अपना कर्तव्य मानती हैं।” बयान में आगे कहा गया है कि हम लोगों और देशों के लिए टीकों के महत्व से पूरी तरह वाकिफ हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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