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Saturday, June 28, 2025

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई दी

भारत आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देशभर में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है और दिल्ली के राजपत पर झांकियों में भारत की आन-बान और शान देखने को मिली। इस बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर कोई नहीं शामिल हुआ है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा गया था, मगर कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से यह दौरा रद्द कर दिया गया। बहरहाल, वो गणतंत्र दिवस पर आए तो नहीं, मगर उनका संदेश आ गया है। उन्होंने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज भारत गणतंत्र दिवस और अपने संविधान का जन्म मना रहा है, जिसने आपके राष्ट्र को दुनिया के सबसे बड़े संप्रभु लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया है। मैं ऐसे देश के लिए अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो मेरे दिल के बहुत करीब है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन मानवता को बचाएगी और दोनों देश इसके लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।

बोरिस ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। वह आने वाले महीनों में भारत की यात्रा जरूर करेंगे।  ब्रिटिश पीएम आगे कहा कि मैं अपने मित्र पीएम नरेंद्र मोदी के बुलावे पर इस अहम अवसर पर शामिल होना चाहता था मगर हमारे एक समान दुश्मन कोरोना से लड़ने के लिए मुझे लंदन में ही रहना पड़ा।

उन्होंने आगे कहा, ‘जैसा कि हमने कहा कि हम दोनों देश कोरोना वैक्सीन के उत्पादन, विकास और उसके वितरण को लेकर काम कर रहे हैं, ताकि दुनिया और मानवता को इस कोरोना महामारी से छुटकारा मिल सके। भारत, ब्रिटेन समेत दुनिया के देशों द्वारा इस उद्देश्य में मदद को मैं धन्यवाद करता हूं। इस साल के आखिर में भारत की यात्रा को लेकर उत्सुक हूं। दोनों देशों के बीच दोस्ती के रिश्तों को मजबूत करने के लिए यह जरूरी होगा।’

दरअसल, पिछले पांच दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी की परेड देखने नहीं आए । हालांकि, इससे पहले तीन बार ऐसे मौके आए हैं। पहले भारत की ओर से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा था। कोविड की वजह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के अंतिम मौके पर समारोह में न आने के फैसले के बाद भारत ने विदेशी मेहमान को न्योता न देने का मन बना लिया था।

1966 के बाद पहली बार विदेशी मुख्य अतिथि नहीं
पिछले पांच दशकों में यह पहला गणतंत्र दिवस होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान नहीं होगा। इससे पहले सन 1966 में गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो सका था, जब 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री के अचानक निधन के बाद 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके अलावा सन 1952 और 1953 में भी भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था।

गौरतलब है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश की राजधानी में राजपथ पर देश की सैन्य ताकत के साथ सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाता है। परेड में हर बार एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट बनाने की परंपरा रही है। कुछ ऐसे भी मौके आए जब एक से अधिक मेहमानों को बुलाया गया।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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