किसानों के देशभर के ‘चक्का जाम’ के बाद राकेश टिकैत ने खुले मंच से अपने भाषण में कहा है कि ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन दबाव में आकर कोई बातचीत नहीं होगी बल्कि बराबरी में आकर बातचीत होगी.’
उन्होंने कहा, “हमने सरकार को क़ानून रद्द करने के लिए 2 अक्टूबर तक समय दिया है. उसके बाद हम आगे की योजना बनाएंगे.”
उन्होंने कहा कि ‘हमारा मंच भी वही होगा और पंच भी वही होगा. वो कील बोएंगे हम फसल बोएंगे.’
उन्होंने कहा कि ‘बिना एमएसपी पर कानून बनाए हम घर वापस नहीं जाने वाले हैं. कोई यह गलतफहमी में ना रहे कि तीनों क़ानून वापस ले लेंगे और आंदोलन ख़त्म हो जाएगा. एमएसपी पर गारंटी देने को लेकर क़ानून बनाना होगा.’
राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग यहाँ ट्रैक्टर लेकर आए उनके यहाँ नोटिस भेजा रहा है. मैं पूछता हूँ कि किस क़ानून के तहत लिखा है कि ट्रैक्टर सड़कों पर नहीं चल सकता.