अलकायदा अपने यू-ट्यूब चैनलों और ऑनलाइन सामग्री के जरिए बांग्लादेश में जबरदस्त पैठ बढ़ा रहा है। इस ऑनलाइन चहलकदमी से भारतीय एजेंसिया चौकन्ना हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कट्टरता की मुहिम का असर भारत के भी विभिन्न इलाकों पर पड़ रहा है। लेकिन भारतीय एजेंसियां सतत निगरानी कर रही हैं।
खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों की फेसबुक पोस्ट पर करीब 250 फीसदी इंटरैक्शन बढ़ी है। वर्ष 2019 में अगर 99 युवा हिंसक चरमपंथी पोस्ट पर इंटरैक्ट करते थे तो 2020 में यह बढ़कर 347 हो गया। एक्यूआईएस के समर्थन में इस्लामिक ब्लॉगर्स की संख्या भी बढ़ी है।
वर्ष 2020 की शुरुआत में बांग्लादेश में इंटरनेट का इस्तेमाल 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया।एजेंसियो का कहना है कि बढ़ती कनेक्टिविटी का फायदा चरमपंथियों ने भी उठाया है। एक्यूआईएस से जुड़े कई यू-ट्यूब चैनलों ने कोविड सामग्री के बहाने कट्टरपंथी सामग्री परोसी और उनके सब्सक्रिप्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।
सूत्रों ने कहा ऑनलाइन कट्टरपंथ की चुनौती पर भारत और बांग्लादेश की एजेंसिया एक-दूसरे को सहयोग कर रही हैं। निगरानी से लेकर ऑनलाइन कंटेंट विश्लेषण का काम चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश के अलावा भारत मे भी पिछले दिनों जो युवा कट्टरपंथी गतिविधियों की वजह से पकड़े गए हैं वे ऑनलाइन चरमपंथी चैनलों और पोस्ट से प्रेरणा लेते थे।