लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को साफ कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य विकास कार्यों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए राजस्व की जरूरत है। राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेंद्र वर्मा को जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने कहा, ‘कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य विकास कार्यों में सुधार के लिए संसाधनों और वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल और डीजल पर कर कम करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने कहा, वर्तमान में उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं को आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार, तमिलनाडु, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब और उत्तराखंड राज्यों की तुलना में कम कीमत पर डीजल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, उड़ीसा, दिल्ली, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की तुलना में यहां पेट्रोल कम कीमतों पर उपलब्ध है।
एलपीजी की कीमतों में कमी के बारे में मंत्री ने कहा कि एक जुलाई पहले 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से राज्य को टैक्स कम करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, इस पर फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है। विपक्षी कांग्रेस और सपा ने वॉकआउट करते हुए कहा कि सरकार ‘किसान विरोधी, महिला विरोधी और आम आदमी विरोधी’ है।