पीएम नरेन्द्र मोदी ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर अपने सम्बोधन में किसानों को कई संदेश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले छह साल से किसानों को सशक्त बनाने में जुटी है। किसान देश की अर्थव्यवस्था का आधार है। सरकार के सभी फैसले खेती को लाभ का काम बनाने के लिए हैं।
समारोह से वर्चुअली जुड़े पीएम ने 26 मिनट के अपने सम्बोधन कई बार किसानों का जिक्र किया। बजट में किसानों और खेती किसानी के लिए किए गए प्रावधानों का जिक्र किया।
कृषि सुधार कानून या कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन का जिक्र किए बगैर उन्होंने अपनी बात कही। पीएम ने कहा कि किसान देश की अर्थव्यवस्था का आधार रहा है। चौरी चौरा आंदोलन में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। पिछले छह वर्षों से सरकार उनकी स्थिति को बदलने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसका परिणाम कोरोना काल में भी देखने को मिला। महामारी की चुनौतियों के बीच भी कृषि क्षेत्र आगे बढ़ा। किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया।
किसान और सशक्त होगा और तेजी से आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि देश में मंडियों को किसानों के फायदे का बाजार बनाने की कोशिश हो रही है। इस बजट में 1000 और मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का प्रावधान किया गया है। किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकेगा। ग्रामीण क्षेत्र में इंफरास्ट्रक्चर के विकास पर खर्च बढ़ाकर 40 हजार करोड़ कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार किसान को आत्मनिर्भर और कृषि को लाभप्रद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में लागू पीएम स्वामित्व योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब गांवों की जमीनों का एक-एक कागज उसके स्वामी को उपलब्ध कराया जा रहा है। जमीनों के सही कागज होंगे तो उनका मूल्य तो बढ़ेगा ही आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा। आप कहीं भी रहें आपकी जमीन पर कोई बुरी दृष्टि नहीं डाल पाएगा। इसका बहुत बड़ा लाभ छोटे किसानों और गरीबों को होगा।
चौरी चौरा पर जारी किया डाक टिकट
इस मौके पर पीएम मोदी ने चौरी चौरा पर एक डाक टिकट भी जारी किया। उन्होंने रिमोट कंट्रोल से टिकट के प्रारूप का अनावरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि सौ वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी। यह आग थाने में नहीं लगी थी। देश के जन-जन में प्रज्जवलित हो चुकी थी। आजादी का जज्बा जगा दिया था। चौरीचौरा का संदेश बहुत बड़ा था। अनेक वजहों से इसे सिर्फ एक आगजनी के स्वरूप में ही देखा गया। दुर्भाग्य है कि चौरी चौरा के शहीदों की इतनी चर्चा नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी लेकिन यह एक स्वत: स्फूर्त संग्राम था। इतिहास के पन्नों में भले जगह नहीं दी गई। आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में उनका खून देश की माटी में मिला हुआ है।
बजट में किसानों के लिए कई प्रावधान
पीएम ने एक फरवरी को संसद में पेश वर्ष 2021 के बजट की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह बजट कोरोना काल की चुनौतियों से निपटने के हमारे अभियान को नई गति देने वाला है। विशेषज्ञ कह रहे थे कि कोरोना काल में इतना बोझ पड़ा है कि नागरिकों पर कर बढ़ाना ही होगा। लेकिन कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया। इसके उलट सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला लिया। यह खर्च देश में चौड़ी सड़कें बनाने के लिए होगा। आपके गांवों, शहरों को मंडियों से जोड़ने के लिए होगा। पुल, रेल पटरी, नई टे्रन, नई बसें चलाई जाएगी। शिक्षा की अच्छी व्यवस्था, युवाओं को अधिक अवसर मिले। इसके लिए भी बजट में अनेक फैसले लिए गए हैं। इस सब कामों के लिए काम करने वालों की भी जरूरत होगी। लाखों नौजवानों को रोजगार, आमदनी के नए रस्ते खुलेंगे।