पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण की 45 सीटों पर आज कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले जाएंगे। इस दौरान मतदाता 319 उम्मीदवारों के भाग्य को चुनावी पेटी में बंद करेंगे। इस चरण में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी दो मई को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगी या नहीं यह तय होगा। राज्य में पांचवें चरण में जिन छह जिलों में मतदान होना है उनमें उत्तरी परगना पार्ट-एक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, पूर्वी वर्द्धमान पार्ट-एक और जलपाईगुड़ी है।
चुनाव आयोग (ईसी) ने इस चरण के लिए अभियान की मूक अवधि को 24 घंटे बढ़ाने का फैसला किया था और इसलिए यह अभियान एक दिन पहले बुधवार को समाप्त हुआ।
राज्य में पांचवें चरण का चुनाव है और यह चरण ममता बनर्जी के लिए बहुत अहम माना जा रहा है। इस चरण में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव हो रहा है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि जिन 45 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान होना वहां 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को टीएमसी की तुलना में ज्यादा वोट मिले थे।
इन 45 सीटों में से टीएमसी ने जीती थी 23 सीटें
2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 45 सीटों पर भाजपा को 45 फीसदी मतदान हासिल हुआ था तो वहीं टीएमसी को 41.5 फीसदी वोट मिला था। हालांकि टीएमसी को यहां 23 सीटों पर जीत मिली थी और भाजपा को 22 सीटें मिली थीं।
प्रमुख चुनावी मुद्दे-
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और उसे कड़ी टक्कर दे रही भाजपा दोनों ने ही विकास को मुद्दा बनाया है- विपक्ष ने ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया- ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ देश में महंगाई, गैस के बढ़े दाम और पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों को मुद्दा बनाया|