35.1 C
Delhi
Saturday, October 5, 2024

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री के उड़ानों का खुलासा करने वाले आदेश पर लगा दी रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग के एक आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें भारतीय वायु सेना को स्पेशल फ्लाइट रिटर्न (SRF)-II के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए गए थे। सूचना आयोग के निर्देश के जवाब में भारतीय वायुसेना ने कहा था कि यह संबंधित विवरण साझा नहीं कर सकता है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री के सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने आरटीआई आवेदक कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश के बत्रा को भी नोटिस जारी किया और उनसे चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट ने भारतीय वायुसेना से यह भी जानने की कोशिश की कि फ्लाइट में यात्रियों की संख्या का खुलासा करने से सुरक्षा पर क्या असर पड़ेगा। कोर्ट ने पूछा है, “यात्रियों की संख्या देने में क्या समस्या है? हो सकता है कि आप नाम न दें। यदि संख्या दी जाती है तो यह देश की संप्रभुता को कैसे प्रभावित करता है?”

कोर्ट भारतीय वायुसेना द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे केंद्र सरकार के वकील राहुल शर्मा के माध्यम से दायर किया गया था। केंद्रीय सूचना आयोग ने 8 जुलाई को वायुसेना से बत्रा को स्पेशल फ्लाइट रिटर्न्स-द्वितीय की उपलब्ध एवं प्रासंगिक प्रतियां मुहैया करवाने का आदेश दिया था। बत्रा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अप्रैल, 2013 के बाद के सभी विदेश दौरों से संबंधित एसआरएफ-प्रथम और एसआरएफ-द्वितीय की प्रमाणित प्रतियों की मांग की है।

भारतीय वायुसेना ने अपनी याचिका में दावा किया है कि सीआईसी यह विचार करने में विफल रही है कि बत्रा द्वारा मांगी गई जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता है। याचिका में मांगी गई जानकारी को बेहद संवेदनशील बताया गया है। वायुसेना ने कहा कि इसमें विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) कर्मियों के नाम भी पूछे गए हैं जो भारत के प्रधानमंत्री के विदेश दौरों पर उनकी निजी सुरक्षा के लिए उनके साथ जाते हैं। साथ ही कहा कि यदि इस विवरण का खुलासा किया जाता है तो इससे भारत की संप्रभुता एवं अखंडता प्रभावित हो सकती है तथा सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक एवं आर्थिक हितों को खतरा पहुंच सकता है।

सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि IAF ने पहले ही उड़ानों का विवरण दे दिया है। हालांकि, वे मांगी गई जानकारी का दूसरा भाग नहीं दे सकते हैं जो यात्रियों के विवरण से संबंधित है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की जानकारी दी जाती है तो इससे यह पता चलेगा कि पीएम अपने सुरक्षा तंत्र में कितने लोगों के साथ यात्रा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जानकारी बेहद गोपनीय है और इससे याचिकाकर्ता (बत्रा) को किसी भी रूप में फायदा नहीं होगा। हालांकि, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यात्रियों के संबंध में जानकारी मांगी है जिसमें विभिन्न मंत्रालय के अधिकारी, पत्रकार आदि शामिल हो सकते हैं। 

बत्रा के लिए अपील करते हुए, उनके वकील प्रसन्ना एस ने अदालत को बताया कि सीआईसी ने जुलाई में आदेश पारित किया था और निर्देश दिया था कि सूचना 15 दिनों के भीतर दी जाए। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया है और उन्हें केवल 7 सितंबर को सूचित किया गया कि आदेश को चुनौती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने इस सूचना की आपूर्ति करने का बीड़ा उठाया था जिसके बाद सीआईसी ने आदेश पारित किया था। अब इस मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »