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Thursday, November 14, 2024

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के ‘जेठालाल’ ने नेपोटिज्म पर रखी अपनी बात, कहा- ये हमारी संस्कृति है

एंटरटेन इंडस्ट्री में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) का मुद्दा अक्सर चर्चा में रहता है। इस विषय पर सितारे अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं। अब इस पर पॉप्युलर शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठा लाल यानी दिलीप जोशी ने रिएक्शन दिया है। 

दिलीप जोशी ने हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अपने करियर में कभी नेपोटिज्म का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा, ”ये हमारी संस्कृति है। अगर कोई व्यापारी है, उसने अपना धंधा जमाया है और उसका बेटा उसमें शामिल होना चाहता है तो वो निश्चित रूप से उसके जॉइन करेगा।” हालांकि, दिलीप जोशी ने आगे कहा कि टैलेंटेड लोगों को मौका दिया जाना चाहिए, जिनका फिल्मी बैकग्राउंड से कोई नाता नहीं है।

शो की क्वालिटी पर पड़ा है असर

बता दें कि कुछ समय पहले दिलीप जोशी ने कहा था कि वक्त के साथ तारक मेहता का उल्टा चश्मा की राइटिंग पर काफी बुरा असर पड़ा है। दिलीप का कहना है कि शो के राइटर्स पर काफी प्रैशर होता है कि उन्हें रोज नए एपिसोड के लिए स्क्रिप्ट देनी होती है और यही वजह है कि उनकी राइटिंग की क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है।

दिलीप ने स्टैंड अप कॉमेडियन सौरभ पंत से बात करते हुए कहा, ”जब आप क्वॉन्टिटी देखते हैं तो कहीं ना कहीं क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है। पहले हम वीकली काम करते थे और राइटर्स के पास बहुत समय होता था। चार एपिसोड लिखे, दूसरे चार एपिसोड अगले महीने शूट करना है। अभी यह एक फैक्ट्री हो गया है।”

दिलीप ने आगे कहा, ”राइटर्स भी तो इंसान हैं। मैं मानता हूं कि सारे एपिसोड उस लैवल के नहीं होंगे जब आप डेली शो करते हैं। जहां तक कॉमेडी की बात है तो कुछ पिसोड्स हैं जो उस लेवल के नहीं हैं।”

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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