उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) बॉन्ड के जरिए आज 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आज वह मुंबई में लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) के बॉन्ड लिस्टिंग कार्यक्रम में शामिल हुए। लखनऊ नगर निगम बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है। आज ये बीएसई पर लिस्ट भी हो गया है। आइए जानते हैं कि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बॉन्ड क्या होते हैं और इसमें निवेश करने वाले को क्या फायदे मिलते हैं।
इतना मिलेगा निवेशकों को ब्याज
इसमें निवेशकों को सालाना 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। उधार लेने की वास्तविक कीमत लगभग 7.25 प्रतिशत होगी। इसमें भारत सरकार द्वारा प्राप्त म्यूनिसिपल बॉन्ड के लिए 26 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। ये बॉन्ड टैक्सेबल हैं।
जानें क्या होते हैं बॉन्ड
बॉन्ड असल में एक तरह का साख पत्र होता है, जिसके तहत आम जनता या संस्थाओं से धन जुटाया जाया है। इसके जरिए बॉन्ड जारी करने वाली संस्था एक निश्चित समय के लिए रकम उधार लेती है और निश्चित रिटर्न यानी ब्याज देने के साथ मूलधन के साथ वापस करने की गारंटी देती है। यह निवेशकों के लिए निश्चित आय और निवेश का साधन है। यह एक तरह से कर्ज लेने वाले और देने वाले के बीच समझौता होता है।
क्या होते हैं म्युनिसिपल बॉन्ड
म्युनिसिपल या नगर निगम बॉन्ड शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किये जाते हैं। ये बॉन्ड राज्य सरकार शहर में विकास कार्यों के लिए जारी कर सकती हैं। शहरों के विकास के लिए काफी धनराशि की जरूरत होती है और इस जरूरत के लिए राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार से पैसा लेने की जगह एक बेहतर वैकल्पिक जरिया है। इस तरह के बॉन्ड को जारी कर नगर निगम पैसा जुटाता है। इसे शहर के बुनियाद ढांचे को बेहतर करने जैसे कामों पर खर्च किया जाता है।