नई दिल्ली। | जम्मू-कश्मीर के लगभग एक तिहाई इलाकों में कट्टरपंथी संगठन अपनी गतिविधियों को तेजी से चला रहे हैं। दक्षिण कश्मीर सहित सूबे के अलग-अलग इलाकों में कट्टरपंथ की कोशिश पर खुफिया रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए एजेंसिया एंटी रेडिक्लाइजेशन प्लान पर काम कर रही हैं।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि कट्टरपंथ फैलाने के लिए उन इलाकों को खासतौर पर लक्ष्य बनाया जा रहा है, जहां आतंकी संगठनों की गतिविधियां ज्यादा हैं। पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में कट्टरपंथी तत्व और आतंकियों के बीच संपर्क भी खंगाला जा रहा है। धार्मिक संस्थान और शिक्षण संस्थान कट्टरपंथ के लिहाज से सॉफ्ट टारगेट हैं।
खुफिया सूत्र मानते हैं कि जिहाद और कट्टरपंथ की आड़ में प्रदेश को अशांत करने वाला एक बड़ा समूह है, जो पर्दे के पीछे काम करता है और मौके पर सामने आता है। ऐसे सभी तत्वों को चिन्हित करने का प्रयास करते हुए उन्हें चेतावनी दी जा रही है। उन्हें आगाह करके सुधरने का मौका दिया जा रहा है।
एक अधिकारी ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कट्टरपंथ दक्षिण कश्मीर के अलावा उत्तर व मध्य कश्मीर में जमात के असर वाले इलाकों में चिंता का विषय है। अधिकारी ने कहा, हम ज्यादातर संदिग्ध लोगों को एक मौका दे रहे हैं। उन्हें बताया जाता है कि उनके खिलाफ हर तरह के सबूत के बावजूद अभी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। अगर वे नहीं सुधार करते हैं तो मजबूरी में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजना पड़ेगा। कट्टरपंथ की सबसे ज्यादा चपेट में दक्षिण कश्मीर के जिले हैं। खुफिया सूत्र मानते हैं कि कट्टरपंथी तत्व सीमापार से निर्देश लेकर धर्म और विचारधारा की आड़ में रेडिक्लाइजेशन का जहर पनपा रहे हैं। इनका अच्छा खासा नेटवर्क है।