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Friday, June 27, 2025

बिक्री न होने से परेशान किसान ने सड़क पर कई कुंतल गोभी फेंक दी

यूपी के पीलीभीत जिले में गोभी की बिक्री न होने से परेशान किसान ने सड़क पर कई कुंतल गोभी फेंक दी। किसान की नाराजगी देखकर लोगों ने उसे समझाने का प्रयास भी किया लेकिन वह नहीं माना और उसने लगभग 10 कुंतल गोभी सड़क पर ही फेंक दी। इसके बाद लोगों में गोभी लूटने की होड़ लग गई। 

जिले के जहानाबाद क्षेत्र के कस्बा नई बस्ती निवासी लघु किसान सलीम के पास तीन बीघा जमीन है। वह पिछले काफी समय से अपने खेत पर सब्जियां उगा रहे हैं। सलीम के मुताबिक अबकी बार भी उन्होंने अपने तीन बीघा खेत में फूल गोभी बोई थी। गोभी के लगभग पांच हजार पेड़ तैयार हुए। जो लगभग दस कुंतल है। जब वह गोभी बेचने जहानाबाद कस्बे की मंडी में गया तो उसे भाव नहीं मिले। इसके बाद वह मंडी समिति पीलीभीत आया, यहां भी उसको एक रुपये किलो के हिसाब से भाव मिला। वह कई दिन तक मंडी समिति के चक्कर लगाता रहा लेकिन उसकी गोभी नहीं बिकी। इतना ही नहीं उसका डीजल आदि का रुपया भी खर्च हो गया। उसके खेत में हुए कार्य का लेबर चार्ज भी डेढ़ रुपये प्रति पेड़ गया। ऐसे में उसकी लागत ही नहीं मिल पा रही है।  इससे परेशान किसान ने कस्बे में अपनी सारी फूलगोभी सड़क पर ही फेंक दी और अपने घर चला गया। किसान को राहगीरों ने रोकने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना। कस्बे में किसान का फूलगोभी फेंकना चर्चा का विषय बना हुआ है।

 लखीमपुर खीरी में इस बार 2 रुपए किलो का भाव

लखीमपुर खीरी जिले के गांव सेहरुआ सब्जियों की खेती का केंद्र है। इस बार किसानों के लिए गोभी की फसल आफत बनकर आई है। रेट नहीं मिल रहा। किसान मायूसी में इसे काटकर जानवरों को खिला रहे हैं। गांव के हबीब खां 8 वर्षों से लगातार सब्जी की खेती कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इस बार गांव उसमें बाहर का व्यापारी गोभी खरीदने नहीं आ पाया, जिसके कारण आधे-पौने दामों में ही गोभी की बिक्री कर दी। इस बार डीजल और खाद दोनों महंगी हैं, जबकि रेट इतना कम है कि लागत ही नहीं निकल पा रही। हसीब खां खेत पर गोभी कटवा रहे थे। बताया कि दो रुपये किलो पर भी कोई गोभी नहीं ले रहा। खुद आसपास के बाजार में गए तो वहां भी दाम नहीं मिले। इसलिए अब खेत खाली करने में लगे हैं।

35 हजार लागत, 20 हजार भी नहीं मिल रहे

किसान बताते हैं कि गोभी उत्पादन में किसानों को भारी घाटा हुआ है। जिले में तीन हजार हेक्टेयर इसका रकबा है। एक एकड़ में गोभी तैयार करने में करीब 35 हजार की लागत आ रही है। इसमें सिंचाई, खाद, निराई आदि शामिल है। लेकिन जब फसल तैयार हुई तो खरीदार नहीं मिल रहे हैं। बाहर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं। जिले में उतनी खपत नहीं है। ऐसे में किसानों की लागत निकलना तो दूर नुकसान ही हो रहा है। किसानों का कहना है कि दो तीन रुपए किलो गोभी बिक रही है। ऐसे में एक एकड़ में बीस हजार रुपए भी नहीं निकल रहे हैं।

लोन लेकर की खेती, अब कंगाल

किसानों ने बताया कि सरकारी सहायता के नाम पर उनको लोन मिला था। पर अब तो लोन की किश्त जमा हो पानी मुश्किल है। हालत यह है कि दाल रोटी भर का पैसा निकल नहीं पा रहा है। बाजार में गोभी पांच रुपये की एक मिल रही है। जबकि किसानों को कीमत दो रुपये किलो की मिल रही है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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